भोपाल। गांवों को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए शासन द्वारा घर-घर व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया है, लेकिन अभी भी गांवों में खुले में शौच की आदत नहीं छूट रही है। ऐसे में अब शासन द्वारा गांवो में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा। जानकारी के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन फेस -2 के अंतर्गत राज्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण द्वारा सार्वजनिक स्वच्छता परिसरों का क्रियान्वयन किया जाएगा। गांवों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण नहीं है। ऐसी स्थिति में गांव में आने वाले आगंतुकों, मुसाफिरों को खुले में शौच करना पड़ता है। वहीं कई ग्रामीण की खुले में जाने की आदत है। सामुदायिक शौचालयों का निर्माण होने से खुले में शौच की प्रवृत्ति में कमी आएगी।
3 लाख 60 हजार की लागत से किया जाएगा निर्माण
सार्वजनिक शौचालय का निर्माण 3 लाख 60 हजार की लागत से किया जाएगा। इसमें 2 लाख 10 हजार रुपए स्वच्छ भारत मिशन, 90 हजार रुपए 15 वां वित्त आयोग एवं 60 हजार की मजदूरी मनरेगा योजना के तहत दी जाएगी। इसमें शौचालय व सुविधाघर होंगे। साथ ही जलव्यवस्था भी रहेगी।
सभी पंचायतों से एक-एक गांव को किया शामिल
सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माण के लिए चयनित पंचायतों के एक-एक गांव को शामिल किया गया है। ग्रामों के चयन के साथ स्थान का भी चयन कर लिया है। प्रारंभिक रूप से योजना के तहत 100 से अधिक मकान वाले ग्रामों में स्वच्छता परिसर स्वीकृत किया है। यह कार्य पूर्ण होने पर एक ओर स्वच्छता परिसर निर्माण की स्वीकृति राज्य मुख्यालय की अनुमति से जारी किया जा सकेगा। परिसर में पानी, संचालन व स्वच्छता की व्यवस्था संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा की जाएगी। विकासखंड में बड़ी संख्या में गांव नदी क्षेत्र में स्थित है। जहां पर खुले में शौच जाने का ग्राफ अधिक है। ऐसे में इन ग्रामों में खुले में शौच से मुक्त करने के लिए सह व्यवस्था कारगार साबित हो सकती है।
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