उज्जैन। जिले के तराना की स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे चल रही है ना कभी कोई उच्च अधिकारी निरीक्षण पर जाता है और ना ही तराना में स्वास्थ अमले को किसी का डर है। स्वास्थ्य कर्मचारियों की मनमानी के कारण दूरदराज से आने वाले ग्रामीण बेहद परेशान हैं।
उज्जैन जिले की तराना विधानसभा के मुख्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत इन दोनों बेहद खराब है। स्वास्थ्य कर्मचारियों की मनमानी और लापरवाही के कारण शासकीय अस्पताल में इलाज कराने आ रहे हजारों ग्रामीण मरीज परेशान हो रहे हैं। शासकीय अस्पताल में सुबह 11 बजे के पहले कोई इलाज शुरू नहीं होता है। इस बीच अगर कोई गंभीर दुर्घटना का शिकार मरीज आता है तो ड्रेसिंग रूम में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं होता है। इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य अमले की हालत भी खराब है। आंख के रोग से पीडि़त, वायरल बुखार से पीडि़त या अन्य किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त मरीज जब दूरदराज के ग्रामीण इलाकों से तराना के अस्पताल पहुँचते हैं तो उन्हें ठंड के मौसम में भी इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। तराना के मालड़ी गांव से अपनी आंख का इलाज कराने आए 70 वर्षीय वृद्ध सुबह 7 बजे से शासकीय अस्पताल के बाहर बैठे थे। उन्होंने बताया कि 11 बज गए हैं लेकिन अभी तक किसी के पते नहीं हैं। अस्पताल के अंदर वार्ड में एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं हैं। इसी तरह तराना निवासी प्रीतम बैरागी अपने पिता का इलाज कराने पहुँचे थे लेकिन वह भी दो से तीन घंटे तक इंतजार करते रहे। उन्होंने बताया कि रोज यहाँ इसी तरह के हाल हैं। अधिकारी अस्पताल का निरीक्षण करने नहीं आते हैं इसलिए तराना में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मनमानी कर रखी है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि तराना के प्रसूति विभाग में प्रसूता महिलाओं से नर्सों द्वारा खुलेआम रुपए भी मांगे जाते हैं। इतनी शिकायत और लापरवाही के बाद आवश्यकता है कि उज्जैन से स्वास्थ्य अधिकारी तराना पहुँचकर औचक निरीक्षण अवश्य करें।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved