भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में स्टेनो तथा सहायक ग्रेड 3 के पद पर होने वाली नियुक्तियों को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि नियुक्तियों में कम्युनल आरक्षण लागू किया गया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता अतुल कुमार वर्मा व अन्य की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उच्च न्यायालय में स्टेनो ग्रेड 2 के 108, स्टेनो ग्रेड 3 के 205, सहायक ग्रेड 3 के 931 तथा कोर्ट मैनेजर स्टाफ के 11 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
इस प्रकार कुल 1255 पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे। विज्ञापन में किस नियम के तहत कितना आरक्षण दिया जायेगा, इसका उल्लेख नहीं किया गया था। हाईकोर्ट द्वारा 30 मार्च 2022 को प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया। स्टेनो पद के लिए अनारक्षित वर्ग का कट ऑफ अंक 77 प्रतिशत तथा सहायक ग्रेड 3 के लिए कट ऑफ अंक 79 प्रतिशत निर्धारित किए गए। जबकि ओबीसी वर्ग लिए स्टेनो पद का कट ऑफ अंक 81 तथा सहायक पद के लिए 82 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। याचिका में इंद्र साहनी तथा सौरभ यादव के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया था कि आरक्षित वर्ग के मैरिटोयल छात्र को अनारक्षित वर्ग का माना जाए। इसके अलावा कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद हाईकोर्ट रजिस्टार जनरल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता रामेश्व सिंह ठाकुर तथा प्रशांत चौरसिया ने पैरवी की।
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