नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल समूह की महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड (Commonwealth Group Secretary General Patricia Scotland) ने भारत द्वारा संकटग्रस्त श्रीलंका (Troubled Sri Lanka) को दी जा रही मदद पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व आर्थिक संकट (unprecedented economic crisis) से निपटने में श्रीलंका की मदद के लिए भारत की ओर से की उदारतापूर्वक और बहुआयामी सहायता सुखद है। महासचिव स्कॉटलैंड ने वैश्विक खाद्य संकट से निपटने में भारत की प्रमुख भूमिका के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक समग्र दृष्टिकोण लाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका को भारत की उदार और बहुआयामी सहायता देखकर खुशी होती है। यह राष्ट्रमंडल की भावना और मूल्यों दोनों का उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रों का एक परिवार हैं और परिवार के लोग जरूरत के समय में एक दूसरे की मदद करने के लिए तैयर रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक साधनों के माध्यम से स्थिरता और आर्थिक सुधार के लिए श्रीलंका के लोगों की मदद की है। बता दें कि भारत ने इस साल श्रीलंका को आर्थिक संकट से निपटने में मदद के लिए 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता दी है।
स्कॉटलैंड ने आगे कहा कि श्रीलंका जिन अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनसे निपटने के लिए वहां के नेताओं के समर्पण और दृढ़ता के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन की आवश्यकता है। वैश्विक खाद्य संकट पर स्कॉटलैंड ने कहा कि संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और COVID-19 के आर्थिक प्रभावों जैसे कई कारकों के कारण दुनिया इसका सामना कर रही है। स्कॉटलैंड ने कहा कि इस गंभीर संकट को दूर करने के लिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सबसे ज्यादा जरूरत वाले देशों और समुदायों को तत्काल व्यावहारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जून में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) में नेताओं ने एक चार्टर पर सहमति जताई है। नेताओं ने खाद्य सुरक्षा के लिए एक नए और अधिक समग्र दृष्टिकोण लाने के समूह के प्रयासों का समर्थन किया।
स्कॉटलैंड ने कहा कि ये चार्टर हमें भारत जैसे देशों के साथ मिलकर काम करने में सक्षम बनाएगा ताकि अधिक खाद्य पदार्थों का उत्पादन किया जा सके और भूमि का अधिक टिकाऊ तरीके से प्रबंधन किया जा सके। वैश्विक चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भारत बेहद महत्वपूर्ण है। राष्ट्रमंडल महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड चार दिनों की यात्रा पर भारत आईं थीं। यहां उन्होंने जलवायु परिवर्तन, कोरोना महामारी के बाद आर्थिक सुधार और व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों जैसे कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने भारतीय वार्ताकारों के साथ बातचीत की। भारत और श्रीलंका दोनों राष्ट्रमंडल के 56 सदस्यों में शामिल हैं।
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