इंदौर। लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) की तैयारियां चरम (extreme) पर है। इस बीच बस यात्रियों (bus passengers) के लिए राहत भरी खबर आई है। चुनावों (elections) में व्यवस्थाओं के लिए इस बार यात्री बसों का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। इसके बजाए बसों की पूर्ति स्कूलों (schools) से की जाएगी। अच्छी बात यह है कि स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जाने से बच्चों को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
चुनाव आयोग के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा चुनाव के दौरान व्यवस्थाओं के लिए बसों का अधिग्रहण किया जाता है। इंदौर में 13 मई को होने वाले मतदान से पहले यह अधिग्रहण किया जाएगा। विधानसभा चुनाव की तरह ही करीब 700 बसें अधिग्रहित की जाएंगी। इनका उपयोग मतदान दलों को मतदान केंद्रों तक सामग्री के साथ भेजने और वापस लाने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाले सुरक्षा बल के लोगों को लाना और ले जाना सहित अन्य कामों में किया जाता है। इसके लिए परिवहन विभाग को आदेश मिल चुके हैं। इस पर परिवहन विभाग द्वारा यात्रियों की सुविधा को देखते हुए योजना बनाई है कि बसों का अधिग्रहण स्कूलों से किया जाएगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विधानसभा चुनावों के दौरान बसें स्कूल और रूट दोनों से ही ली गई थीं। ज्यादातर अतिरिक्त बसों को ही अधिग्रहित किया गया था, लेकिन इस बार क्योंकि ज्यादातर स्कूलों में गर्मी की छुट्टी शुरू हो चुकी है और मतदान के एक दिन पहले रविवार और मतदान के दिन यानी सोमवार को वैसे भी अवकाश है। ऐसी स्थिति में बच्चों को परेशानी भी नहीं होगी। इस संबंध में स्कूल संचालकों को भी आदेश भेजे जा रहे हैं। रूट से बसें न लिए जाने से यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी।
कुल 1150 वाहनों का होगा अधिग्रहण
अधिकारियों ने बताया कि विधानसभा चुनाव की ही तरह लोकसभा चुनाव में भी पर्यवेक्षकों से लेकर चुनाव दल और सुरक्षा बलों के लिए वाहनों की व्यवस्था करना होगी। विधानसभा चुनाव में 400 कारें और 700 बसें अधिग्रहित की गई थीं। इसके साथ ही चुनाव सामग्री भेजने के लिए 20 ट्रक और 30 मैजिक जैसे वाहन लिए गए थे। इस तरह कुल 1150 वाहनों का अधिग्रहण किया गया था। लोकसभा चुनाव के लिए भी लगभग इतने ही वाहनों की जरूरत होगी। इनमें से कुछ कारें तो अभी ली जा चुकी हैं।
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