भोपाल। केंद्र सरकार के निर्देश पर चार नेशनल पार्क की मॉनिटरिंग करने के लिए मप्र सरकार ने अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है। पेंच टाइगर रिजर्व तथा घुघुआ नेशनल पार्क के लिए बनी कमेटी का अध्यक्ष जबलपुर डिवीजनल कमिश्नर को बनाया गया है। इसी तरह नौरादेही और केन घडिय़ाल वन्य अभयारण्य की कमेटी में अध्यक्ष सागर डिवीजनल कमिश्नर बनाए गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक चारों कमेटियों में पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है। संगठनों का चयन की जिम्मेदारी डिवीजनल कमिश्नर को दी गई है। कमेटियों का कार्यकाल 3 साल का होगा, जो हर साल अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपेंगी। मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार वन, पर्यावरण और जलवायु मंत्रालय ने 26 सितंबर 2017 को नेशनल पार्कों की मॉनिटरिंग करने के लिए कमेटियों का गठन करने की अधिसूचना जारी की थी। जिसमें राज्य सरकार को कमेटियां बनाने को कहा गया था। जिसके पालन में मप्र सरकार ने चार नेशनल पार्कों के लिए कमेटियों का गठन कर दिया है।
कमेटी में कलेक्टर सहित कई विभागों के प्रमुख शामिल
नेशनल पार्कों से जिन जिलों की सीमा लगती है, वहां के कलेक्टर सहित वन संरक्षण तथा कई विभागों के प्रमुखों को मॉनिटरिंग कमेटियों में सदस्य बनाया गया है। जबकि नेशनल पार्क के प्रभारी अधिकारी को सचिव सदस्य नियुक्त किया गया है। इसके अलावा सिंचाई विभाग और जिला पंचायत के सीईओ भी कमेटी में सदस्य बनाए गए हैं।
परिवाद दायर कर सकेंगे सदस्य सचिव
मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य सचिव को यह अधिकार दिए गए हैं कि वह पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 19 का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ परिवाद दायर कर सकेगा। इस धारा के तहत वन्य प्राणियों को नुकसान पहुंचाने पर सजा का प्रावधान है। अभी तक इसके लिए वन विभाग के प्रमुख की अनुमति लेना पड़ती थी।
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