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संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में बनी 5 सदस्यों की कमिटी, MSP समेत अन्‍य मुद्दों पर सरकार से होगी बात

December 04, 2021

नई दिल्‍ली. संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक खत्म हो गई है. इस मीटिंग के बाद सरकार के साथ बात करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 नेताओं की कमिटी बनाई है. कमेटी में बलबीर राजेवाल, गुरनाम चढूनी, शिव कुमार कक्का, युद्धवीर सिंह, अशोक धवले के नाम शामिल हैं. 5 लोगों की यह कमिटी सरकार के साथ सभी मुद्दों पर बात करने के लिए बनाई गई है, जिसमें एमएसपी भी शामिल है. हालांकि MSP को लेकर अभी नाम तय नहीं हुए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी. किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा है कि सभी किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि जब तक किसानों (farmers) के खिलाफ मामले वापस नहीं लिए जाते वे वापस नहीं जाएंगे. आज सरकार को एक स्पष्ट संकेत भेजा गया है कि हम आंदोलन वापस नहीं लेने वाले हैं, जब तक कि किसानों के खिलाफ सभी मामले वापस नहीं लिए जाते.

संयुक्त किसान मोर्चा ने मीटिंग के बाद कहा कि तीन कानून किसान और जनता विरोधी थे, जिस वजह से केंद्र को इन्हें रद्द करना पड़ा, यह हमारे देश के किसानों की बहुत भारी जीत है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि कुछ बातें हमने पहले दिन से रखी हैं, जिसमें एक MSP की गारंटी भी शामिल है. दूसरी मांग बिजली बिल को लेकर है, जिसे हम रद्द कराना चाहते हैं, क्योंकि इससे किसानों (farmers) और लोगों के ऊपर बोझ बढ़ेगा. इस आंदोलन के दौरान जो तीन बातें सामने आई हैं, उन पर आज की मीटिंग में चर्चा हुई है. किसानों पर हजारों की तादाद में मुकदमे हुए हैं. बीजेपी के राज्यों में जो मुकदमे हुए हैं, उन्हें सरकार को वापस लेना चाहिए. 26 जनवरी और लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) के मुकदमों को भी वापस लेना चाहिए.



कृषि कानूनों की वापसी के बाद एमएसपी समेत कई अन्य मांगो को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आज मीटिंग की. इस बैठक में कई वरिष्ठ किसान नेता भाग लेने पहुंचे. मीटिंग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि आज की बैठक में एमएसपी, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Union Minister Ajay Mishra) टेनी को पद से हटाने की मांग, किसानों पर मुकदमे वापस लेना और किसानों के परिजनों को मुआवजा देने का मुद्दा शामिल हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से केंद्र सरकार (central government) को उन 702 किसानों के नाम भेजे हैं जिनकी मौत किसान आंदोलन के दौरान हुई है. किसान मोर्चा की ओर से मृतक किसानों की सूची शुक्रवार को कृषि सचिव को भेज दी गई है. इससे पहले सरकार ने संसद में कहा था कि उसके पास आंदोलन के दौरान मृत किसानों का आंकड़ा नहीं है.

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