जबलपुर। भाजपा भूल जाती है कि राज्य में भाजपा की सरकार है। भाजपा सरकार ही अधिकारियों की नियुक्ति और ट्रांसफर कर रही है। अगर भाजपा को लगता है कि जबलपुर नगर निगम में भ्रष्टाचार चल रहा है तो अधिकारियों के तबादले क्यों नहीं कर दिए जाते। निगमायुक्त महापौर की तो सुनते ही नहीं है आयुक्त केवल सांसद, नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी विधायकों के कहने पर ही काम कर रहे हैं। ये बात महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने नगरसत्ता के खिलाफ भाजपा के प्रदर्शन के बाद कही। महापौर ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि शहर के विकास में भाजपा के अब तक रहे महापौरों की लापरवाही साफ नजर आती है।
आखिरकार क्यों पिछले 18 सालों से शहर की जलप्लावन और पानी की किल्लत दूर नहीं हो पाई।गौरतलब है कि मंगलवार को भाजपा पार्षद दल, नगर संगठन और विधायकों ने नगर सत्ता के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान विधायक अशोक रोहाणी ने निगम मुख्यालय गेट पर मटका फोड़ अपना गुस्सा जाहिर किया। इस दौरान भाजपा विधायक अशोक रोहाणी ने आरोप लगाते हुए कहा कि महापौर ने भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। महापौर ने अधिकारियों से मिलकर कमीशनखोरी को बढ़ा दिया है। ऐसे हालातों में शहर का विकास नहीं हो पाएगा। इस पर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कैंट विधानसभा क्षेत्र में ही 40 हजार से ज्यादा लोगों के घरों में अब तक नर्मदा जल नहीं पहुंच पाया है। भाजपा विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कर नहीं पा रहे हैं और महापौर पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।
धारा-30 की बैठक नहीं हुई
नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल का कहना है कि पेयजल, जलप्लावन और साफ-सफाई की समस्याओं पर चर्चा के लिए महापौर को धारा-30 की बैठक बुलाने पत्र लिखा जा चुका है। ये पत्र 13 जून को लिखा गया। लेकिन अभी तक महापौर, निगमाध्यक्ष और आयुक्त ने कोई कदम नहीं उठाया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved