नई दिल्ली(New Delhi) । टेंडर में कमीशनखोरी (commission in tender)की जांच कर रही ईडी (Enforcement Directorate) ने बड़े खेल का खुलासा (Game Revealed)किया है। छानबीन के दौरान जांच एजेंसी की पूछताछ(inquiry by investigating agency) में चीफ इंजीनियर समेत अन्य इंजीनियरों ने जानकारी दी कि पीएस संजीव लाल के जरिए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के लिए राशि वसूली जाती थी। मंत्री 1.35 फीसदी और अफसर-इंजीनियर 1.65 फीसदी कमीशन लेते थे।
इंजीनियरों ने ईडी को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग के अलावा दो प्राधिकार झारखंड स्टेट रुरल रोड डेवलपमेंट ऑथोरिटी (जेएसआरआरडीए) और रुरल डेवलपमेंट स्पेशल डिवीजन (आरडीएसडी) में लेटर ऑफ एलोकेशन (एलओए) जारी होने के बाद 3 से 4 कमीशन सहायक या कार्यपालक अभियंता वसूलते थे। इसमें तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का कमीशन 1.35 तय था। इंजीनियरों और अन्य अफसरों का कमीशन 1.65 तय रहता था।
पूछताछ में इंजीनियरों ने यह भी बताया है कि मंत्री आलमगीर के लिए कमीशन राशि उनके पीएस संजीव लाल के जरिए वसूली जाती थी। बाकी कमीशन राशि चीफ इंजीनियर खुद वसूलते थे। संजीव लाल ठेकेदार सह अपने दोस्त मुन्ना सिंह और उसके भाई संतोष सिंह के माध्यम से ठेकेदारों से कमीशन वसूलता था। इसके बाद राशि दीनदयाल नगर या अभिनंदन मैरिज हॉल के समीप जहांगीर आलम को सौंप दी जाती थी। ये पैसे जहांगीर सर सैयद रेसीडेंसी स्थित अपने फ्लैट में जाकर रख देता था। वसूली गई राशि की कई खेप जहांगीर के फ्लैट में रखी गई थी, जहां ईडी ने छापेमारी कर 32.20 करोड़ नकद बरामद किए थे।
सजीव के कहने पर मुन्ना ने कई ठेकेदारों से वसूले 53 करोड़
ईडी ने यह भी दावा किया है कि ठेकेदार मुन्ना सिंह ने स्वीकार किया है कि संजीव लाल के कहने पर ही उसने तकरीबन 53 करोड़ रुपये राजीव कुमार, संतोष कुमार, राजकुमार टोप्पो, अजय कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, अजय तिर्की और अमित कुमार से लिए थे। इन पैसों को उसने जहांगीर को सौंपा था। संजीव ने वसूली गई राशि में 2.05 करोड़ अपने पास रखे थे। वहीं 40 लाख उसने बरियातू के संस्कृति विहार स्थित अपने मकान में खर्च किए थे। मुन्ना सिंह ने यह भी बताया है कि संजीव ने उसे 50 लाख रुपए नकद दिए थे।
ईडी की पूछताछ में इन इंजीनियरों ने खोले राज
कार्यपालक अभियंता राजकुमार टोप्पो, अजय कुमार, अजय तिर्की, संतोष कुमार, चीफ इंजीनियर सिंहराय टूटी, प्रमोद कुमार, राजीव लोचन और सुरेंद्र कुमार।
इंजीनियर बोले- ठेकों में कमीशनखोरी आम बात
पूछताछ में ईडी के समक्ष सभी इंजीनियरों ने कमीशनखोरी के प्रतिशत के बारे में भी एक ही जानकारी दी है। साथ ही कबूल किया है कि आरडब्ल्यूडी, आरडीएसडी और जेएसआरआरडीए में कमीशन वसूली नेताओं, अधिकारियों और इंजीनियरों के लिए आम बात है। ईडी ने जानकारी दी है कि पूर्व चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के मोबाइल में संजीव लाल के दो मोबाइल नंबर सेव थे। एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल जहांगीर आलम करता था।
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