जबलपुर। शुक्रवार को शाम 4.00 बजे जबलपुर यूथ फेडरेशन द्वारा ई.ओ.डब्ल्यू. एस.पी. को लिखित शिकायत की गई जिसमें बताया गया कि भारत सरकार द्वारा लगभग 60 हजार हाजियों को भारत से हज करने के लिए साउदी अरब भेजा जाता है यह एक पवित्र यात्रा है इस यात्रा के लिए मुस्लमान जिंदगी भर की कमाई लगाकर यात्रा पर जाता है। हर मुस्लमान की इच्छा होती है कि वह जीवन में एक बार हज यात्रा पर जायें। इसलिए को लेकर सारी जिंदगी मुस्लिम समाज के लोग संघर्ष करते हैं। भारत सरकार द्वारा लगभग पांच हजार यात्रियों को प्राईवेट हज टूर द्वारा हज पर भेजा जाता है। जिसमें जबलपुर से कादरी टूर एंड ट्रेवल्र्स, अल मदीना, अल मीजान द्वारा करीब 250 सौ हाजी हज के लिए साऊदी अरब जाते हैं। विषय यह है कि सरकारी हज टूर द्वारा 3 लाख 97 हजार रूपये में हज यात्रा कराया जाता है। 40 हजार जद्दा एयर पोर्ट से वापस किये जाते हैं वहां पर खाने खर्चे के लिए वापस किये जाते हैं एवं 24 हजार रूपये कुर्बानी हेतु वापस किये जाते हैं।
जिसमें कुल यात्रा 3 लाख 97 हजार रूपये की होती है। इसके विपरीत प्राईवेट हज टूर वाले 5.50 लाख रूपये से 6.00 लाख रूपये तक हाजियों से लेते हैं हज कराने के नाम पर एवं फैसेल्टी के नाम पर। यह है कि 4.50 लाख रूपये प्राइवेट हज टूर वाले खाते पर लेते हैं और एक लाख या उससे अधिक राशि है वह केश लेते हैं जिसमें वह खाते पर दर्शा न सके एवं हज यात्रा की टिकिट आने जाने की करीब 60 हजार रूपये की होती है मोल्लिम की फीस 80 हजार रूपये होती है साउदी अरब में 45 दिन रहना खाना मिलाकर 2.00 लाख रूपये होते हैं जिसमें 5 दिन का खाना एवं रहने की व्यवस्था साउदिया गर्वमेंट करती है। लगभग 3 लाख 40 हजार रूपये का हज होता है 50 हजार के टेक्सेन भी अपन मान लें उसके पश्चात भी करीब 150000/- से 200000/- रूपये प्रति हाजी प्राईवेट टूर वाले बचाते हैं। जो कि ब्लेक मनी के रूप में हाजियों से वसूलते हैं। प्राइवेट हज टूर वालें कई बार ऐसा भी करते हैं कि साउदी मुद्रा का रेट बढ गया है हाजियों से हज के दौरान 10 से 20 हजार रूपये की राशि इस नाम पर वसूल करते हैं।
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