भोपाल। शहर के जाने-माने रिलायबल ग्रुप पर वाणिज्य कर विभाग के अफसरों की अगुवाई में छापेमारी की गई थी। रेड में शामिल उपायुक्त ने उस दौरान दो ब्लैंक चैक चोरी कर लिए थे। दस साल बाद 2018 में जब यह चेक बैंक में लगाए गए तब इस मामले का खुलासा हो गया। मामले की शिकायत अदालत में की गई थी। अब अदालत के आदेश पर कोहेफिजा पुलिस ने तत्कालीन उपायुक्त, उनकी बेटी व एक अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है। कोहेफिजा पुलिस के अनुसार अदालत से आए पर आदेश पर रामबहोरी शुक्ला की शिकायत पर धु्रवराज शर्मा, अविलाशा तथा शिवदत्त शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है। वर्ष 2008 में रिलायबर ग्रुप के विभिन्न ठिकानों पर वाणिज्यकर व सेल्स टैक्ट डिपार्टमेंट की रेड पड़ी थी। इस रेड में वाणिज्यकर विभाग के तत्कालीन उपायुक्त धु्रवराज शर्मा भी शामिल थे। इस दौरान उन्होंने छापेमारी में मिले दो चैक चोरी कर लिए थे। सालों तक वे दोनों चेक को अपने पास रखे रहे। दो साल पहले वर्ष 2018 में यह चेक बंैंक में लगा दिए गए। चेक जब बाउंस हुए तो धु्रवराज शर्मा की ओर से रिलायबल ग्रुप के खिलाफ चैक बाउंस का मामला बनवा दिया गया। इस मामले में जब रिलायबल ग्रुप के पास नोटिस गया तो समूल की ओर से बताया गया कि यह चेक वर्ष 2008 में छापेमारी के दौरान चोरी हो गए थे। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस को भी की थी। इस पूरे प्रकरण में धु्रवराज शर्मा की बेटी अविलाश शर्मा की भूमिका सामने आई है बताया गया है कि अविलाशा के बिजनेस के सिलसिले में चेक को भुनाने की कोशिश की गई थी। इसके लिए कई तरह के फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए गए थे। मामले की पूरी सुनवाई होने के बाद अदालत ने इस मामले में धु्रवराज शर्मा, अविलाशा शर्मा व एक अन्य व्यक्ति शिवदत्त शर्मा को को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के आदेश पुलिस को दो दिए। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए ठगी का मामला दर्ज कर लिया है।
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