इंदौर। वाणिज्यिक कर विभाग (commercial tax department) की टीम ने दो फर्मों पर छापामार कार्रवाई कर भारी फर्जीवाड़ा उजागर किया है। जांच-पड़ताल के बाद इन फर्मों से दो करोड़ 5 लाख रुपए सरेंडर (Surrender) करवाए गए हैं।
कमिश्नर राघवेंद्रसिंह (Commissioner Raghavendra Singh) के आदेश पर डिप्टी कमिश्नर आरके सलूजा (Deputy Commissioner RK Saluja) के नेतृत्व में एंटी-इविजन विंग बी (Anti-Evision Wing B) की टीम ने नीमच स्थित एक बॉयोडीजल एवं एक ऑइल लुब्रिकेंट्स फर्म (Biodiesel and an Oil Lubricants Firm) पर दबिश दी। इंदौर से गई टीम ने वहां रुककर दोनों कंपनियों सहित उसके मालिक के दफ्तर से भारी मात्रा में दस्तावेज जब्त किए। दस्तावेजों की जांच-पड़ताल में खुलासा हुआ कि दोनों फर्मों द्वारा कच्चे बिलों के जरिए नीमच, मंदसौर, इंदौर,भोपाल जबलपुर, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, हरदा, बड़वानी (Neemuch, Mandsaur, Indore, Bhopal, Jabalpur, Gwalior, Khandwa, Khargone, Harda, Barwani) सहित अन्य शहरों में बॉयोडीजल व ऑइल लुब्रिकेंट्स बेचकर विभाग को चूना लगाया गया है।
बारीकी से जांच जारी…बढ़ सकती है टैक्स चोरी
इन कंपनियों से जब्त दस्तावेजों की प्रथम दृष्टया जांच के बाद दो करोड़ 5 लाख सरेंडर करवाए हैं। अभी बारीकी से छानबीन की जा रही है, जिसमें टैक्स (TAX) चोरी की राशि और बढऩे की प्रबल संभावना है। विभाग द्वारा यह भी पता लगाया जा रहा है कि किन-किन डीलरों व अन्य व्यवसायियों को कच्चे बिलों के जरिए माल बेचा गया है।
पूर्व में भी आधा दर्जन कंपनियों से सरेंडर करवा चुके हैं करोड़ों रुपए
पूर्व में भी विभाग ने इंदौर, पीथमपुर और रतलाम (Indore, Pithampur, Ratlam) की आधा दर्जन बॉयोडीजल कंपनियों पर छापामार कार्रवाई कर भारी फर्जीवाड़ा उजागर किया था। जिन कंपनियों पर छापा मारा गया था, उनमें शहर के पालदा इंडस्ट्रियल एरिया, पीथमपुर तथा इन्हीं तीन कंपनी की रतलाम स्थित तीन कंपनी पर जांच-पड़ताल के बाद 35 करोड़ सरेंडर करवाए गए थे।
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