नई दिल्ली। भारत के पास जल्द ही कोरोना महामारी (corona pandemic) के खिलाफ अपनी पहली मैसेंजर या mRNA वैक्सीन होगी। जीनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स (Gennova Biopharmaceuticals) इस वैक्सीन (Vaccine) के तीसरे चरण का ट्रायल पूरा करने जा रहा है और कंपनी ने हाल ही में दूसरे चरण के ट्रायल का डाटा फार्मा रेग्युलेटर को सौंपा है। सूत्रों के मुताबिक, ड्रग्स कंट्रोलर आफ इंडिया की एक्सपर्ट कमिटी जल्द ही डाटा की समीक्षा करेगी।
पुणे की कंपनी के नाम होंगी दो उपलब्धियां
महाराष्ट्र के पुणे स्थित जीनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स ने हाल ही में दूसरे चरण के ट्रायल का डेटा फार्मा रेग्युलेटर को सौंपा है। सार्स-कोव2 वायरस के डेल्टा वेरियेंट पर विकसित दो डोज वाली यह एमआरएनए वैक्सीन का फेज 2 ट्रायल 3,000 लोगों पर किया गया है। सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया (ToI) को बताया कि कंपनी अब तीसरे चरण का ट्रायल भी पूरा करने जा रही है।
#COVID19 | Pune based Gennova Biopharmaceuticals has submitted phase 2 data of mRNA vaccine & has also completed the recruitment of phase 3 data. Drugs Controller General of India’s (DCGI) Subject Expert Committee (SEC) is expected to review the data soon: Official sources pic.twitter.com/hevoMqoDNM
— ANI (@ANI) January 17, 2022
रेग्युलेटरी अप्रूवल का इंतजार
कंपनी ने वैक्सीन की रिस्क मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी है और एक बार रेग्युलेटरी अप्रूवल मिलने के बाद पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन बनाया जाने लगेगा। रिस्क मैन्युफैक्चरिंग का मतलब रेग्युलेटरी अप्रूवल से पहले निर्माण की प्रक्रिया को कहा जाता है। चूंकि नई वैक्सीन को रेग्युलेटर से अप्रूवल नहीं मिलने की आशंका भी रहती है, ऐसी परिस्थिति में बनाई गई वैक्सीन की बर्बादी का जोखिम रहता है।
वहीं, ओमीक्रोन को लक्षित वैक्सीन जीनोवा फार्मास्यूटिकल्स की लैबरेटरी में तैयार कर ली गई है और अब इसका इंसानों पर टेस्ट किया जाना है ताकि इसके असर और इम्यूनिटी पैदा करने की इसकी क्षमता का पता लगाया जा सके। सूत्रों ने टीओआई को यह जानकारी दी।
mRNA प्लैटफॉर्म से तैयार पहली वैक्सीन
वहीं, कोविड-19 पर राष्ट्रीय कार्यबल के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने टीओआई से कहा कि एमआरएनए प्लैटफॉर्म पर कोरोना वैक्सीन बनाना देश के लिए बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि की बात है। खास बात यह है कि देश में मौजूद कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर ही नई वैक्सीन स्टोरेज के अनुकूल होगा। डॉ. पॉल ने कहा कि एक बार एमआरएनए प्लैटफॉर्म पर वैक्सीन का निर्माण हो गया तो फिर कोविड ही नहीं, दूसरी वैक्सीन का निर्माण भी इस प्लैटफॉर्म पर धड़ल्ले से होने लगेगा।
कंपनी में तैयार की जा रही ओमीक्रोन स्पेसिफिक वैक्सीन भी इस मामले में बेहद खास है कि आगे भी जब कोई नया वेरियेंट आएगा तो उसे टार्गेट करने के लिए वैक्सीन में बदलाव किया जा सकेगा। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑगर्नाइजेशन (CDSCO) कंपनी की तरफ से सौंपे गए ट्रायल डेटा का अध्ययन करेगा और फैसला करेगा कि वैक्सीन को मंजूरी दी जाए या नहीं। कोविड वैक्सीन निर्मित राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने यह बात कही।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved