गर्मी और बारिश में भी खुले आसमान के नीचे बसर हो रही थी दो की जिंदगी
इन्दौर। कल दोपहर ढाई बजे के लगभग जब नगर निगम कमिश्नर (Municipal Corporation Commissioner) के निर्देश पर एनजीओ (NGO) की टीम जूनी इन्दौर ब्रिज (Juni Indore Bridge) पर बेसहारा दो महिलाओं का रेस्क्यू (Rescue) करने पहुंची तो वहां हालत देख सब हैरत में पड़ गए। आसपास बदबू मारते पुराने कपड़ों का ढेर और दयनीय हालत में दो वृद्धाएं मिलीं। इनमें एक बनारस की है, जो इन्दौर आकर दूसरी वृद्धा के साथ रहने लगी थी। कई दिनों से वे जब बारिश में वहीं बैठी थी तो लोगों ने इसकी सूचना दी। अब उन्हें वहां से हटाकर बाणगंगा वृद्धाश्रम में रखा गया है। दोनों वृद्धाओं की अलग-अलग कहानिया हैं, जो परिवार से पीडि़त होकर घर छोड़ चुकी थीं।
इन दिनों नगर निगम (Municipal Corporation) द्वारा शहरभर में भिक्षुकों को रेस्क्यू करने का आपरेशन चलाया गया है और इसके लिए कई एनजीओ (NGO) की टीमों का सहारा लिया जा रहा है। पिछले तीन-चार दिनों से शहर के अलग-अलग स्थानों पर इस प्रकार का अभियान चलाया जा रहा है और अब तक करीब 30 से ज्यादा ऐसे लोग पकड़े गए हैं, जो भिक्षावृत्ति में लिप्त हैं। इनमें से कई को परिजन छुड़ाकर भी ले जा रहे हैं। कल नमो-नमो शंकरा संस्था के पंकज फतेहचंदानी ने दोनों वृद्धाओं को वहां देखा तो इसकी सूचना निगमायुक्त प्रतिभा पाल (Smt. Pratibha Pal) को दी। इस पर निगमायुक्त ने संस्था प्रवेश की अध्यक्ष रूपाली जैन को निगम की टीम के साथ दोनों वृद्धाओं के रेस्क्यू करने को कहा।
बदबू से टीम भी परेशान बमुश्किल किया रेस्क्यू
रेस्क्यू टीम में शामिल प्रभारी रूपाली जैन के मुताबिक दोनों वृद्धाएं ब्रिज के फुटपाथ पर अपना तमाम सामान लेकर बैठी थीं और लोगों द्वारा दिए गए कंबल, रजाई, गादी, तकिए बारिश में पूरी तरह भीग चुके थे और कई दिनों से दोनों वृद्धा नहाई नहीं थीं। उनके शरीर से भी बदबू आ रही थी। ऐसे में बमुश्किल उन्हें रेस्क्यू कर निगम वाहनों में बाणगंगा वृद्धाश्रम भेजा गया। क्षेत्र के कई लोग दोनों वृद्धाओं को रोज सुबह-शाम भोजन और फल दे जाते थे।
बनारस से यहां कैसे पहुंचीं नहींं बता पाई
बनारस (Banaras) की वृद्धा अनिता तिवारी का मानसिक संतुलन ठीक नहीं होने की बात भी सामने आ रही है और उसके मामले में टीम के सदस्य पड़ताल कर रहे हैं, ताकि परिजनों की कोई जानकारी दें तो वह उन्हें सूचित कर सके। दोनों वृद्धाओं के परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। टीम इस बात की भी छानबीन कर रही है कि वृद्धा बनारस (Banaras) से इन्दौर कैसे आई, वहीं इन्दौर के विनोबा नगर में रहने वाली वृद्धा के परिजनों से भी चर्चा की गई है।
परिजनों ने घर से निकाला, फुटपाथ को आशियाना बनाया
कल जूनी इन्दौर ब्रिज पर जब दोनों वृद्धा को रेसक्यू (Rescue) करने टीम पहुंची तो पता चला कि एक वृद्धा विनोबा नगर की रहने वाली है और पारिवारिक विवाद और अन्य कारणों के चलते उसे घर से निकाल दिया गया था, जिसके कारण वह जूनी इन्दौर में ब्रिज के फुटपाथ पर ही पिछलेे 6 माह से अपनी जिंदगी बसर कर रही थी और इसी दौरान उसके साथ बनारस (Banaras) की एक अन्य वृद्धा अनीता तिवारी भी आकर रह लग गई थी।
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