वॉशिंगटन: कोलंबिया विश्वविद्यालय की एक पूर्व छात्रा ने भारतीय मूल की अपनी पूर्व प्रोफेसर पर लिंग आधारित भेदभाव का आरोप लगाया है. छात्रा ने इस पर शिकायत भी दर्ज कराई है. उसका आरोप है कि उसे ऐसे कामों के लिए रखा गया जो महिलाओं के अनुकूल था. उसने यह भी दावा किया कि पुरुष सहकर्मियों को अनुसंधान के कार्य सौंपे गए, जबकि उनका कार्य क्षेत्र इससे संबंधित नहीं था.
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, छात्रा का नाम एलिजाबेथ ब्लैकवेल है, जिन्होंने 2017 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. ब्लैकवेल ने दृष्टिहीन भारतीय-अमेरिकी प्रोफेसर शीना अयंगर पर आरोप लगाया, “उन्होंने केवल मेकअप लगाने और रेस्तरां बुक करने जैसे कार्यों को मुझे सौंपा जो महिलाओं के लिए बेहतर माना जाता है.” वहीं पुरुषों को बिना ‘जॉब डिस्क्रिप्शन’ के अनुसंधान के काम सौंपे गए.
अयंगर, कोलंबिया बिजनेस स्कूल की फैकल्टी का हिस्सा हैं और सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब ‘द आर्ट ऑफ चॉइसिंग’ की लेखिका भी हैं. जब ब्लैकवेल ने शिकायत दर्ज की, तो अयंगर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि अगर कोई भेदभाव रहा है तो वह मेरे अंधेपन को लेकर रहा है. एक प्रोफेसर होकर मैंने इस भेदभाव को महसूस किया, “एक दृष्टिहीन इस पद के लिए अच्छी नहीं हो सकती और वह सभी जरूरतों को पूरी करने में सक्षम नहीं हो सकती.”
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