इंदौर। ग्रामीण क्षेत्रों व ग्रामीण से शहरी घोषित हुए गांव में सरकारी जमीनों पर कालोनाइजर द्वारा बेखौफ कबजे करने की शिकायतें कलेक्टर कार्यालय में हर दिन पहुंच रही है। जनसुनवाई में कल सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर तीन किसान गुहार लगाने पहुंचे। पटवारियों से लेकर अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए।
ग्राम कराडिया तहसील हातोद देपालपुर के जगन्नाथ पिता गोविंद, देवनारायण पिता गोविंद, प्रदीप पिता उमरावसिंह, राधेश्याम, नरसिंह आदि किसानों ने कराडिय़ा तहसील में पूर्व सरपंच द्वारा पटवारियों से मिलीभगत कर सरकारी जमीन को अपने नाम कराने की शिकायत दर्ज कराई। हीरासिंह पिता कान्हाजी हरिसिंह पिता गणेश के साथ साथ पटवारी राम राठौर व कुसदास बैरागी और पूर्व पटवारी रामसिंह सिसौदिया व मांगीलाल चौहान के खिलाफ लिखित में शिकायत की है। आवेदकों ने बताया कि शासकीय भूमि पर पूर्व सरपंच ने तत्कालीन पटवारियों एवं अधिकारियों से मिलकर 1950 से 2011-12 तक के खसरों, नक्शों में अवैध परिवर्तन कर कूटरचना की और किसी अन्य को बेच दिया। अब शासकीय सर्वे की भूमि पर अवैध निर्माण की प्लानिंग शुरू हो गई है।
सांठगांठ से कर रहे कब्जा
वहीं, एक अन्य आवेदक आदर्श श्रमिक गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर ने धारा 20 (ए) की छूट प्राप्त कर शर्तों का उल्लंघन करते हुए अवैधानिक रूप से प्लाटों को बेच दिया गया। शिकायकर्ता ईश्वर पोरवाल ने बताया कि उक्त जमीन तत्कालीन सदस्यों की आवासीय समस्या को हल करने के लिए दी गई थी, जिसके आधार पर ही संस्था को छूट मिली थी, लेकिन संस्था संचालकोंं और भूमाफियाओं ने सांठगांठ करके संस्था की जमीन पर अवैधानिक रूप से कब्जा कर लिया है। वहीं एक अन्य किसान भी भूमाफियाओं द्वारा कालोनी काटने के नाम पर सरकार द्वारा खेती के लिए दी गई जमीन पर कब्जा कर कालोनी का रास्ता निकालने की शिकायत की। किसान ने बताया कि वह 70 सालों से उक्त जमीन पर खेती कर रहा है। कालोनाइजर ने खेती की जमीन के पीछे स्थित कालोनी का रास्ता निकालने के लिए खेत का ही मापन कर डाला।
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