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    250 भूखंड बेचकर कॉलोनाइजर को लगाई 70 लाख की चपत

  • July 23, 2020

    – मामला सांवेर रोड स्थित श्री निकेतन कालोनी का, मार्केटिंग का काम देखने वाले ने ही कर दी ठगी, पुलिस रिपोर्ट दर्ज
    इंदौर। अभी तक बिल्डर-कॉलोनाइजरों द्वारा जनता को चूना लगाया जाता रहा, मगर अब मार्केटिंग से जुड़े लोग कॉलोनाइजरों को भी ठग रहे हैं। सांवेर रोड स्थित श्री निकेतन कॉलोनी के 250 भूखंडों को कॉलोनाइजर ने मार्केटिंग फर्म के जरिए बिकवाया और अमानत में खयानत करते हुए 70 लाख का चूना लगा दिया। वैसे तो पौने 2 करोड़ रुपए की हेराफेरी इस मामले में की गई।
    एक तरफ भूमाफियाओं की धरपकड़ पुलिस-प्रशासन द्वारा की जा रही है, दूसरी तरफ मार्केटिंग से जुड़ी फर्म भी खरीददारों के साथ-साथ बिल्डर-कॉलोनाइजरों को चूना लगा रही है। सांवेर रोड स्थित श्री निकेतन के कॉलोनाइजर भगवान जायसवाल ने थाना सांवेर में एफआईआर दर्ज करवाई, इसमें सौरभ सिद्धनाथ चौधरी पर आरोप लगाया कि उसने कूटरचित नकली रसीदें बनाकर लोगों से भूखंड बुकिंग के एवज में राशि प्राप्त की। ग्राम रिंगनोदिया में 600, 800 और 1000 स्क्वेयर फीट के लगभग 250 भूखंडों की मार्केटिंग सौरभ चौधरी की फर्म एसएमबी इन्फ्राटैक कम्पनी के जरिए की गई। इस फर्म को सिर्फ भूखंडों का सौदा ही करवाना था। बेचने के अधिकार नहीं दिए गए, लेकिन फर्म के सौरभ चौधरी ने सीधे फर्जी रसीदें देकर भूखंड बेच दिए और मिलने वाली राशि हड़प ली। जब बाद में भूखंड खरीदने वालों ने सम्पर्क किया तो यह धोखाधड़ी सामने आई। श्री जायसवाल के मुताबिक वैसे तो पूरा मामला डेढ़-पौने दो करोड़ का है, लेकिन इसमें से 70 लाख रुपए की राशि ऐसी है जो खरीददारों से लेकर हमारी फर्म श्री डवलपर्स में जमा ही नहीं कराई गई। शेष राशि में कुछ कमीशन और अन्य खर्चे की राशि शामिल है। पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले सौरभ चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। मगर पुलिस पर भी यह आरोप लग रहा है कि उसने सौरभ को हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया और वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। यह भी उल्लेखनीय है कि सांवेर पुलिस ने बड़ी मुश्किल से एफआईआर दर्ज की और न्यायालय से तीन दिन का रिमांड भी उसे मिला, मगर रिमांड में लेकर पूछताछ करने के बजाय पुलिस पर वीआईपी सुविधा देने के आरोप लग रहे हैं। दूसरी तरफ पुलिस भूमाफियाओं को गिरफ्तार करने के साथ यह दावे करती है कि पीडि़तों को न्याय दिलाया जाएगा, लेकिन इस मामले में तो खरीददारों के साथ कॉलोनाइजर ही पीडि़त हो गए।

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