इन्दौर। एक तरफ राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समय सीमा और जिम्मेदारी तय की गई वहीं दोषियों पर गाज भी गिराई जा रही है। महू एसडीएम अभिलाष मिश्रा ने पिछले दिनों उपपंजीयक दफ्तर पर छापा मारकर 25 हजार रुपए की राशि नकद जब्त की थी। वहीं अभी उन्होंने एक कालोनाइजर-ब्रोकर के दफ्तर पर छापा मारा जहां पर 8 अलग-अलग फर्मों से संबंधित दस्तावेज, सील, रजिस्ट्रियां और ऋण पुस्तिकाएं मिली। अब नोटिस देकर इस संबंध में जानकारी मांगी जाएगी।
कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर सभी तहसील कार्यालयों में सख्ती शुरू की गई। वहीं अन्य विभागों में भी कार्रवाई की जा रही है। इंदौर में बिचौलियों के दफ्तरों पर छापे मारने के साथ ही प्रशासनिक संकुल, नगर निगम, इंदौर विकासल प्राधिकरण से लेकर नगर तथा ग्राम निवेश में भी जांच-पड़ताल शुरू करवाई गई। वहीं महू एसडीएम ने उपपंजीयक दफ्तर पर भी कार्रवाई की, जहां से नकदी राशि जब्त की। इस संबंध में उपपंजीयक को नोटिस भी थमाया गया और दो सर्विस प्रोवाइडरों पर भी 10-10 हजार का जुर्माना ठोंका गया। वहीं महू के मयंक अग्रवाल नामक कालोनाइजर, प्रमोटर और ब्रोकर के दफ्तर पर छापा मारा। नायब तहसीलदार रीतेश जोशी के मुताबिक ऋण पुस्तिकां और अलग-अलग फर्मों की सील भी जब्त की गई है।
जाली हस्ताक्षर और फर्जी पंचनामे की जांच भी
महू के कार्यालय में अलग-अलग फर्मों की जांच तो होगी ही, वहीं कलेक्टर मनीष सिंह को लिम्बौदी में सर्वे नम्बर 66/331/1/1/12 की जमीन के संबंध में शिकायत मिली, जिसमें एक नाबालिग लड़की की जमीन हड़पने के आरोप लगाए गए। इस संबंध में कलेक्टर मनीष सिंह ने पूरे मामले की पड़ताल कर जमीन का सीमांकन करने के आदेश दिए हैं। 66 नम्बर जमीन के सर्वे के लिए एएसएलआर का दल भी गठित किया है। वहीं रिकॉर्ड शाखा से भी दस्तावेज मांगे गए हैं। इस संबंध में फर्जी पंचनामा और जाली हस्ताक्षर के भी आरोप लगाए गए हैं, जिसकी जांच शुरू करवाई गई है।
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