निहालपुर मुंडी में भी एक टाउनशिप की एसडीएम और तहसीलदार ने की जांच, मिसल बंदोबस्त में कुछ खसरे तालाब के निकले, बिलावली सहित अन्य जगह भी बड़े पैमाने पर थे अवैध निर्माण और अतिक्रमण
इंदौर। अभी 5 जून से नमामी गंगे (Namami Gange) अभियान के तहत सभी जल स्त्रोतों (water sources) को अवैध निर्माण-अतिक्रमणों (Illegal constructions and encroachments) से मुक्त कराने का अभियान मुख्यमंत्री (CM) डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) के निर्देश पर चलाया जाएगा। वहीं कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले के सभी प्रमुख तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त करवाने और उनकी चैनलों की सफाई शुरू करवाई है। बिलावली, पिपल्याकुमार, यशवंत सागर से लेकर निहालपुर मुंडी में भी तालाब की जमीनों पर भी कालोनियां कट जाने की शिकायतें सामने आई हैं। नगर निगम ने पालदा क्षेत्र में मोहन चुघ और नितिन चुघ द्वारा द्वारा काटी गई अवैध कॉलोनी के मामले में भी कार्रवाई की है और बगल में बहने वाली कान्ह नदी पर बनाई रिटर्निंग वॉल को तोड़ भी दिया। साथ ही कॉलोनाइजर चुघ को नोटिस भी जारी किया गया है।
निगमायुक्त शिवम वर्मा ने बताया कि झोन क्र. 19, वार्ड 75, पालदा क्षेत्र में प्लाजो ग्रीन्स नाम की अवैध कॉलोनी काटी जा रही है, जिसके कर्ताधर्ता मोहन और नितिन चुघ हैं, जिन्होंने पास बहने वाली कान्ह नदी पर ही रिटर्निंग वॉल खड़ी कर दी, जिसके कारण नदी के जलप्रवाह में बाधा उत्पन्न हो रही थी। नतीजतन कल निगम अमले को भेजकर रिटर्निंग वॉल तोडऩे की कार्रवाई भी की गई। साथ ही अवैध कॉलोनी निर्मित करने पर कॉलोनाइजर चुघ को नोटिस भी जारी किया गया है। आयुक्त के मुतबिक मुख्यमंत्री के निर्देश पर नदी एवं जल स्त्रोतों के पास बने ऐसे सभी अवैध निर्माणों-अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। इधर कलेक्टर आशीष सिंह ने भी जिले के 16 प्रमुख तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कराने का अभियान शुरू किया है, जिसमें पता चला कि कहीं पर खेती हो रही है, तो कहीं पर तालाब की जमीन को शामिल कर कॉलोनी काट दी या मकान बन गए। पिपल्याकुमार तालाब की चर्चित जमीन पर भी अवैध कॉलोनी काटने का मामला कुछ वर्ष पूर्व उजागर हुआ था, जिसमें निजी व्यक्ति के नाम कोर्ट से डिकरी भी सामने आई और फिर शासन-प्रशासन ने हाईकोर्ट में उसकी अपील की है। इधर निहालपुरमूंडी में भी एक टाउनशिप ट्रायकॉन प्रोजेक्ट इंडिया प्रा.लि. की कुछ जमीनों की जांच प्रशासन कर रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर कल एसडीएम विनोद राठौर और तहसीलदार नारायण नांदेड़ा मौके पर पहुंचे और उन्होंने जानकारी ली। एसडीएम श्री राठौर के मुताबिक कॉलोनी से जुड़े दस्तावेजों और उसमें शामिल खसरा नम्बरों की जांच की जा रही है। अभी तो राजस्व रिकॉर्ड में कॉलोनी के खसरे निजी नामों पर दिख रहे हैं। मगर पुराना रिकॉर्ड भी जांचा जा रहा है। वहीं तहसीलदार श्री नांदेड़ा के मुताबिक 1925 के मिसल बंदोबस्त से भी इस कॉलोनी के खसरा नम्बरों की जांच की जाएगी और अभी प्रथम दृष्ट्या यह तो लग रहा है कि कॉलोनी में कुछ खसरे सरकारी यानी तालाब के शामिल कर लिए गए हैं। कॉलोनी कितने खसरा नम्बरों पर विकसित की जा रही है उन सभी का राजस्व रिकॉर्ड देखा जा रहा है। इसके बाद यह स्पष्ट होगा कि इसमें कितनी जमीन तालाब के डूब की शामिल की गई है। वहीं महापौर परिषद् सदस्य मनीष शर्मा मामा ने बताया कि पालदा क्षेत्र में निगम ने कल जो अतिक्रमण हटाया उसकी शिकायत उनके द्वारा ही कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त को की गई थी। इसी तरह शहर में अन्य स्थानों पर नदी, नालों, तालाबों के किनारे बसी अवैध कॉलोनियों, इमारतों और मकानों पर भी जांच कर कार्रवाई करने की मांग उन्होंने की है। इधर निगम के कॉलोनी सेल ने मेसर्स यूनाइटेड इन्फ्रा तर्फे भागीदार नितिन चुघ, ऋषभ जैन और नितिन खेमलानी व अन्य को 3.691 हेक्टेयर पर आवासीय भूखंडीय विकास अनुमति प्लाजो ग्रीन्स के नाम से दी है।
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