• img-fluid

    कॉलेज वॉलीबॉल प्लेयर कैसे बना राहुल गांधी का खास, इन नेताओं में होती है केसी वेणुगोपाल की तुलना

  • April 06, 2024

    नई दिल्‍ली (New Delhi)। मुंबई कांग्रेस (Mumbai Congress)के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद संजय निरुपम (Former MP Sanjay Nirupam)को पार्टी ने निष्कासित (Expelled)कर दिया। बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस (press conference)को संबोधित करते हुए निरुपम ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और दावा किया कि पार्टी अब इतिहास बन चुकी है और उसका कोई भी भविष्य नहीं है। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए निरुपम ने एक बड़ा दावा किया और कहा कि कांग्रेस में अब पांच पावर सेंटर हैं। संजय निरुपम ने कहा, ”पांचों पावर सेंटर्स की अपनी एक लॉबी है और आपस में टकराती रहती है। हमारे जैसे लोग जो किसी भी लॉबी का हिस्सा नहीं हैं, वे तकलीफ में रहते हैं। पांच पावर सेंटर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल हैं।” संजय निरुपम ने जो पांच नाम लिए, उनमें सबसे ज्यादा चर्चा केसी वेणुगोपाल की हो रही है। लोग जानना चाहते हैं कि वेणुगोपाल आखिर कौन हैं और कैसे इतने कम समय में राहुल गांधी के इतने करीबी नेताओं में शुमार हो गए। कॉलेज के समय केसी वेणुगोपाल वॉलीबॉल प्लेयर भी रह चुके हैं।


    राहुल की ‘आंख और कान’ हैं केसी

    केसी वेणुगोपाल को ज्यादातर कांग्रेस नेता ‘केसी’ निकनेम से बुलाते हैं। वे एक समय में केरल में पार्टी की युवा ब्रिगेड का हिस्सा थे। वेणुगोपाल साल 1991 में तब सबसे पहली बार चर्चा में आए, जब उनके मेंटर और तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणाकरण ने उन्हें कासरगोड से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया। उस समय उनकी उम्र महज 28 साल थी। हालांकि, चुनाव शानदार तरीके से लड़ने के बाद भी वह महज कुछ वोटों के अंतर से हार गए। वेणुगोपाल को राहुल गांधी की आंख और कान के रूप में देखा जाता है। यानी कि वे राहुल के चुनिंदा करीबी नेताओं में से एक हैं।

    कॉलेज में रहे वॉलीबॉल प्लेयर, लीडरशिप करती है भरोसा

    इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, केसी वेणुगोपाल साल 1996 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद फिर से 2001, 2006 में विधायक रहे। 2004 में वे ओमन चांडी सरकार में मंत्री भी बने। इसके बाद 2009 में केसी वेणुगोपाल लोकसभा सांसद बन गए और फिर दो साल के बाद उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री भी बना दिया गया। धीरे-धीरे वेणुगोपाल की पार्टी के भीतर भी धाक बढ़ती गई और जब 2014 में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा, तब भी वेणुगोपाल को केरल से जीत मिली और फिर उन्हें पार्टी का सचेतक बनाया गया। वह स्कूल के समय से ही स्टूडेंट एक्टिविस्ट रहे। इसके अलावा, कॉलेज में वॉलीबॉल प्लेयर रहे और मैथमैटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। वेणुगोपाल ने न सिर्फ कांग्रेस के तमाम नेताओं के करीबी रहे, बल्कि कांग्रेस के गांधी परिवार का भी करीबी माना जा रहा है। लीडरशिप उन पर काफी भरोसा करती रही है।

    अहमद पटेल से भी होती है केसी की तुलना

    केसी वेणुगोपाल की तुलना कांग्रेस के दिवंगत दिग्गज नेता और गांधी परिवार के करीबी रहे अहमद पटेल से भी होती है। जैसे अहमद पटेल पार्टी के अंदर और बाहर सभी को जानते हुए राजनीति पर करीब से नजर रखते थे, वैसे ही केसी वेणुगोपाल के बारे में भी कहा जाता है कि उन्होंने कई बार अपनी राजनैतिक कुशलता का सबूत दिया है। अहमद पटेल सोनिया गांधी के सबसे करीबी नेताओं में एक थे, जबकि केसी वेणुगोपाल राहुल गांधी के करीबी हैं। केसी के करीबी लोगों का दावा है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में केसी वेणुगोपाल ने ही राहुल गांधी को दूसरी सीट से चुनाव लड़ने के लिए मनाया जोकि केरल की वायनाड सीट थी। पिछले आम चुनाव में राहुल गांधी को उनके गढ़ अमेठी में भी हार का सामना करना पड़ा था, जबकि वायनाड में बड़ी जीत हासिल हुई।

    Share:

    MP : सेंट्रल जेल से बाहर आए शख्स का वीडियो वायरल, जेल प्रबंधन पर लगाए अवैध वसूली के गंभीर आरोप

    Sat Apr 6 , 2024
    ग्‍वालियर (Gwalior) । ग्वालियर सेंट्रल जेल (Gwalior Central Jail) के अंदर 600 रुपये का बीड़ी का बंडल मिल रहा है और 500 रुपये की सिगरेट मिल रही है. इतना ही नहीं, साढ़े चार सौ रुपए की तंबाकू और ढाई सौ रुपए की गुटखा राजश्री मिल रही है. यह आरोप ग्वालियर सेंट्रल जेल से छूटकर आए […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved