हाथरस: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस (Hathras) में एक कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर (Chief Proctor of the College) पर कई छात्राओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. प्रॉक्टर की पहचान रजनीश कुमार के रूप में हुई है, जो हाथरस के पीसी बागला कॉलेज में भूगोल विभाग का प्रमुख है.
यूपी पुलिस ने उसके खिलाफ बलात्कार समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. यह घटना तब प्रकाश में आई जब कई छात्राओं ने स्थानीय पुलिस और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को गुमनाम शिकायतें भेजीं. अपनी शिकायत में छात्रों ने रजनीश कुमार पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. उन्होंने कुछ तस्वीरें भी साझा कीं, जिनमें कथित तौर पर चीफ प्रॉक्टर कुछ छात्रों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहा है.
इस घिनौने मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुए. इन वीडियो में आरोपी प्रोफेसर को छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करते हुए देखा गया. वीडियो सामने आते ही पूरे जिले में हड़कंप मच गया और पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया. हालांकि, आरोपी फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है.
थाना हाथरस गेट में मुकदमा दर्ज होने के बाद कालेज प्रशासन ने चीफ प्रॉक्टर रजनीश कुमार को निलंबित कर दिया है. इस संवेदनशील व घृणित मामले का जिला प्रशासन ने भी संज्ञान लिया है. जिलाधिकारी ने प्रकरण की जांच हेतु चार सदस्यीय समिति बनाई है जिसमें एसडीएम ,डीएसपी,तहसीलदार तथा बीएसए को शामिल किया गया है. जिलाधिकारी ने समिति को जांच के लिए सात दिन का समय दिया है.
कॉलेज की छात्राओं के यौन शोषण के प्रॉक्टर के वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे व्यापक आक्रोश फैल रहा है. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वह पिछले 20 सालों से लड़कियों का यौन शोषण कर रहा है. इससे पहले भी उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन वह निर्दोष साबित हुआ था.
वह पहले छात्राओं को परीक्षा में अच्छे नंबर दिलाने और सरकारी नौकरी में मदद करने का लालच देता. फिर वह उन्हें अपने जाल में फंसाकर अश्लील हरकतें करता और वीडियो रिकॉर्ड करता.प्रोफेसर लड़कियों को अपने ऑफिस या बंगले पर बुलाता था और उन्हें परीक्षा में अच्छे नंबर दिलाने या नौकरी दिलाने का लालच देता था. कथित तौर पर वह वीडियो भी बनाता था और छात्राओं को चुप रहने के लिए ब्लैकमेल करता था.
वीडियो और तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और लोग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, “अगर ये आरोप सही हैं तो यह बेहद शर्मनाक और निंदनीय है. 20 साल तक ऐसी घटनाएं होती रहीं और प्रशासन चुप रहा – यह सिस्टम की विफलता को दर्शाता है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “ऐसी घटिया और क्रूर मानसिकता वाले व्यक्ति को शिक्षक बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. विभाग और प्रशासन को जनता को बताना चाहिए कि उन्होंने अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की है, क्योंकि इस तरह की हरकत से स्कूल के साथ-साथ समाज भी खराब हो सकता है, ताकि हमारी युवा पीढ़ी में शिक्षा के प्रति नकारात्मक सोच न पैदा हो.”
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