उज्जैन। कलेक्टर ने कल हरसिद्धि और महाकाल क्षेत्र का दौरा किया और यातायात व्यवस्था पर नाराजगी जताई। कोरोना के कारण पिछले दो सालों से महाशिवरात्रि पर्व पर महाकाल में श्रद्धालुओं की भीड़ पर असर पड़ा था। परंतु इस बार तीसरी लहर रवाना हो रही है और कोरोना का खतरा भी घट रहा है। ऐसे में महाशिवरात्रि पर इस बार लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे की संभावना है। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी की शुरुआत साल 2020 में हो गई थी। पिछला वर्ष 2021 भी कोरोना के साये में ही बीता है। इन दो सालों में आए सभी बड़े पर्वों पर उमडऩे वाली भीड़ पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिला था। हालांकि कोरोना की तीसरी लहर अभी भी पूरी तरह लौटी नहीं हैं लेकिन जिस तरह से प्रदेश और जिले में कोरोना के मामले घट रहे हैं उसे देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि महाशिवरात्रि तक यह लहर करीब-करीब समाप्त हो जाएगी।
इधर दो मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व आ रहा है और इस दिन राज्य शासन ने उज्जैन में शिव दीवाली मनाने तथा 11 लाख दीपक रोशन करने की घोषणा कर रखी है। इसकी तैयारी भी चल रही है। यही कारण है कि इस बार महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल के दर्शन के साथ-साथ दीपोत्सव में शामिल होने के लिए बाहर से लाखों लोग आने की संभावना बन गई है। इसी के साथ अब पुलिस प्रशासन और मंदिर समिति को भी महाशिवरात्रि पर मंदिर की दर्शन व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन को लेकर अभी से चिंता बढ़ गई है। कल कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ला एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी महाकालेश्वर से लेकर हरसिद्धि होते हुए नृसिंहघाट तक जायजा लेने पहुँचे थे। इस दौरान अधिकारियों ने महाशिवरात्रि पर महाकाल दर्शन व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए व्यवस्थाएँ देखी। इसके बाद इस बात पर विचार किया कि महाशिवरात्रि पर महाकाल दर्शन हेतु प्रवेश और निर्गम की व्यवस्था हरसिद्धि की ओर रहेगी। यहीं से 3 लेन बनाकर श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा तथा बाहर निकाला जाएगा। इसके अलावा अधिकारियों ने कर्कराज मंदिर क्षेत्र में वाहन पार्किंग बनाने की भी योजना पर भी विचार किया। हालांकि अभी महाशिवरात्रि पर वीआई तथा प्रोटोकाल के तहत आने वाले लोगों के लिए दर्शन व्यवस्था पर कोई विचार नहीं हुआ है। संभवत: इस बार भी पहले की तरह ऐनवक्त पर इस व्यवस्था का निर्धारण होगा।
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