उज्जैन। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple of Ujjain) में निर्माणाधीन ‘श्री महाकाल लोक’ का लोकार्पण 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के हाथों होगा। इसके लिए तैयारियां तेजी से जारी हैं। आज दशहरे पर निकलने वाली सवारी के साथ ही महाकाल लोक के लोकार्पण (The inauguration of Mahakal Lok) के सात दिवसीय उत्सव का आगाज हो जाएगा। सवारी में हिस्सा लेने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) भी उज्जैन पहुंच गए हैं। वहीं कलेक्टर आशीष सिंह (Collector Ashish Singh) ने 11 अक्टूबर को ‘श्री महाकाल लोक’ के लोकार्पण समारोह के मद्देनजर संपूर्ण उज्जैन जिले में स्थानीय अवकाश की घोषणा की है।
महाकाल लोक को समारोह पूर्वक लोकार्पित करने की तैयारियां जारी हैं। चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पहुंच सकते हैं तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद ही व्यवस्थाओं-तैयारियों पर नजर बनाए हुए हैं। दशहरे के अवसर निकलने वाली महाकाल की सवारी में वे शामिल हो रहे हैं। बुधवार को शाम चार बजे शाही ठाठ-बाट के साथ राजाधिराज भगवान महाकाल चांदी की पालकी पर सवार होकर शमी वृक्ष का पूजन करने दशहरा मैदान जाएंगे। इसके साथ ही “महाकाल लोक’ के उद्घाटन का सात दिवसीय उत्सव शुरू होगा।
शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ महाकाल बाबा की पूजा-अर्चना की। वे सवारी में शामिल हुए। सीएम ने कहा कि इस बार का दशहरा कुछ अलग है। अवंतिका नगरी उज्जैन में महाकाल महाराज की कृपा से अद्भुत महाकाल लोक बन रहा है। ऐसा लोक, जहां लोग जब जाएंगे तो भगवान शंकर की समस्त लीलाएं देखने को मिलेंगी। जो सपना 2017 में देखा था, वो अब साकार हो रहा है।
समारोह भव्य और ऐतिहासिक होगा, जिसमें उज्जैन सहित पूरे प्रदेश को आमंत्रित किया जा रहा है। समारोह का प्रथम आमंत्रण मंगलवार को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव, महापौर मुकेश टटवाल ने भगवान श्री चिंतामन गणेश को दिया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन धर्म, कला, साहित्य एवं संस्कृति से जुड़ी गतिवधियां शहर में होंगी। इधर कलेक्टर आशीष सिंह ने 11 अक्टूबर को संपूर्ण उज्जैन जिले में स्थानीय अवकाश की घोषणा कर दी है।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल परिसर का विस्तार 20 हेक्टेयर में किया जा रहा है। विस्तार के बाद महाकाल मंदिर परिसर उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा होगा जाएगा। काशी विश्वनाथ कॉरीडोर 5 हेक्टेयर में फैला है। महाकाल कॉरिडोर पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे विकसित किया जा रहा है। यहां भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और भित्त चित्र बनाए गए हैं। श्रद्धालु हर एक भित्ति चित्र की कथा इस पर स्कैन कर सुन सकेंगे। सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव, 108 स्तम्भों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तम्भ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं मौजूद हैं। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है।
महाकाल परिसर विस्तार की कल्पना 2016 सिंहस्थ के समय शुरू हुई थी, लेकिन फिर प्रारंभिक चरण में नागरिकों, मंदिर समिति और इससे संबंधित सभी लोग से चर्चा की गई और उनके विचारों को ध्यान में रखकर परिसर के विस्तार की योजना बनाई। प्रारंभ में योजना की लागत 95 करोड़ की थी। जिसे बढ़ाकर 856 करोड़ किया गया। इसके पहले चरण में 351 करोड़ 55 लाख का काम होना था, लेकिन उस समय यह आवश्यकता महसूस हुई कि प्रथम चरण के अलावा भी और काम होंगे। फिर द्वितीय चरण 310 करोड़ 22 लाख का और यह भूअर्जन और बाकी अन्य चीजें विस्थापित की गईं। पहले चरण का काम हो चुका है।
महाराज वाड़ा परिसर का उन्नयन, रूद्र सागर का जीर्णाद्धार भी पूरा होना है। जिसमें रामघाट का सौंदर्यीकरण शामिल है। इसके साथ ही कुछ स्कूल रखे हैं, उनको भी बनाने का काम होगा। नवीन स्कूलों का निर्माण, गणेश नगर स्कूल का निर्माण जैसे काम शामिल है। उज्जैन में 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में महाकाल लोक के लोकार्पण समारोह के लिए इंदौर जिले में भी व्यापक तैयारियां जारी हैं। इस सिलसिले में 6 अक्टूबर को शाम 4 बजे रविंद्र नाट्य गृह में इंदौर जिले के विभिन्न मंदिरों के संचालकों और धर्मगुरुओं तथा धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई है।
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