इंदौर । इंदौर में स्वच्छता मित्रों और दीदियों के सम्मान में (In honor of Swachhta Mitras and Didis in Indore) कलेक्टर(Collector), निगम आयुक्त और महापौर (Corporation Commissioner and Mayor) ने सफाई की (Cleaned) । मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर नवाचारों के साथ स्वच्छता के लिए खास तौर पर पहचानी जाती है। बुधवार को स्वच्छता मित्र और स्वच्छता दीदियों के सम्मान में कलेक्टर आशीष सिंह, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा खुद सड़क पर उतरे और झाड़ू लगाई।
स्वच्छता के क्षेत्र से जुड़े वर्ग के लोगों के आराध्य गोगा देव की नवमी के दूसरे दिन प्रशासन ने अवकाश दिया है। स्वच्छता कर्मी अवकाश पर हैं और शहर की सफाई जरूरी है। इसी के लिए कलेक्टर आशीष सिंह, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग राजवाड़ा पहुंचे और उन्होंने स्वयं झाड़ू लगाई।
इंदौर की देश में पहचान सबसे स्वच्छ शहर की है। इस शहर को सात बार देश के सबसे स्वच्छ शहर होने का सम्मान भी मिल चुका है। शहर के लोगों में स्वच्छता का जुनून कुछ इस तरह है कि वो सड़कों पर न तो खुद गंदगी फैलाते हैं और न ही वह ऐसा करने देते हैं। इस शहर की सड़कों पर रात में झाड़ू लगती है, वही सूखा और गीला कचरा अलग-अलग इकट्ठा किया जाता है। नगर निगम के कर्मचारी दिन में दो बार हर घर कचरा इकट्ठा करने पहुंचते हैं। यहां कचरा से खाद भी बनाई जा रही है।
कुल मिलाकर स्वच्छता के मामले में इंदौर ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इंदौर वह शहर है जहां हर रोज 1900 टन कचरा निकलता है। इस कचरे को संसाधित किया जाता है। सूखे और गीले कचरे को छह अलग-अलग श्रेणियां में भी बांटा जाता है। इंदौर के स्वच्छता अभियान को देखने देश के विभिन्न हिस्सों के नगरीय निकायों के प्रतिनिधि भी पहुंचते हैं और उससे सीख लेते हैं।
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