इंदौर। सुबह 9:30 से मोरोद गांव से निकले छात्रों की जिद पर आखिर कलेक्टर इलैयाराजा को बाहर आना पड़ा। एक एक कर छात्र बेहोश होकर गिरने लगे । 2 बच्चो को पुलिस के वाहन से अस्पताल पहुचाया गया। कलेक्टर ने आते ही छात्रावास की जांच करने के निर्देश दिए। 3 घंटे के हंगामे के बाद सुनवाई करने बाहर आय कलेक्टर को छात्रों ने बताया कि प्राचार्य राजेश जैन ने छात्रावास में अराजकता का माहौल बना रखा है। छात्रावास में छात्रों के साथ मारपीट भी की जाती है। कलेक्टर ने तत्काल जांच कमेटी बनाकर एडीएम राजेश राठौर को जांच सोंपी ,हालांकि छात्रों की मांग पर 2 छात्रों को इस कमेटी में रखा जाएगा।
शिकायत करते हुए छात्रों ने कलेक्टर को बताया कि बच्चों के साथ छात्रावास में मारपीट की जाती है छात्रों ने शिकायत के बाद अपनी सुरक्षा पर भी सवाल उठाए ओर हॉस्टल लौटने के बाद सुरक्षा के लिए भी कलेक्टर से निवेदन किया। लिखित आवेदन के साथ साथ छात्र हॉस्टल की अव्यवस्थाओं की वीडियो बनाकर लेकर आए थे। सढ़ी हुई सब्जियां पानी की अव्यवस्था और फंड की कमी के कारण खाना नहीं देंने की शिकायत छात्रों ने की। छात्रों ने बताया कि प्रबंधन ने टीसी देने की धमकी दी है।
पानी को हाथ नही लगाया
मान मनुहार करने के बाद बच्चे कलेक्टर कार्यालय परिसर में अंदर तो आए लेकिन प्रशासन द्वारा दिए जा रहा है पानी को हाथ तक नहीं लगाया। जनसुनवाई में व्यस्त कलेक्टर को आखिर बच्चों के बढ़ते आक्रोश को देख बाहर आना ही पड़ा। छात्र आंदोलन की सबसे विचित्र घटना यह रही कि छात्रों को एबीवीपी, एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने भी अपनी बातों में लेने का बरगलाने का प्रयास किया लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे।
5000 ओर साइन तक नही दिए
छात्रों ने प्रचार्य को सस्पेंड करने की मांग रखी है।छत्रों ने बताया कि विपिन के छत से गिरने के बाद प्राचार्य ने अस्पताल में भर्ती करने के लिए आवेदन फॉर्म पर साइन करने से मना कर दिया वहीं छात्रों ने जब पैसे इकट्ठे कर इलाज करवाने की कोशिश की तो 5000 की मांग को भी ठुकरा दिया गया।
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