अनूपपुर। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में लगाकर हुई बर्फबारी तथा सर्द के बनते माहौल में अमरकंटक का मैकाल पर्वतीय क्षेत्र भी ठंड की चपेट में आ गया है। 14 जनवरी को मौसम की पहली रात पवित्र नगरी अमरकंटक का तापमान अचानक न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा, जिससे अनेक स्थानों पर प्रात:काल बर्फ की हल्की चादर बिछी रही। रविवार सुबह भी बर्फ की सफेदी ने मैदानों को अपने आगोश में ले लिया था। सुबह सूर्य की किरण पडऩे वाली धूप की गर्मी में धीरे-धीरे पिघली। लेकिन इस दौरान अमरकंटक नगरी का जनजीवन कंपकंपाती ठंड से प्रभावित रहा। सम्भावना जताई जा रही है कि अमरकंटक की वादियों में अभी इसी तरह की कंपकपाती ठंड का असर बना रहेगा और कुछ रातें और भी बर्फ जम सकती है।
बर्फीली हवाओं का दिखा असर
अमरकंटक में प्रतिवर्ष अंतिम दिसम्बर या जनवरी माह की शुरूआती सप्ताह में तापमान न्यून स्तर पर पहुंचता है। इससे पूर्व वर्ष 2016 में दिसम्बर के अंत सप्ताह में तापमान शून्य को छुआ था। वर्ष 2017-18 में जनवरी माह के दौरान तापमान ने गोंते लगाते हुए 0 डिग्री तक पहुंचा था। वहीं 2019 में भी दिसम्बर के अंतिम संप्ताह में लगातार बर्फ जमने का सिलसिला बना था, जो फरवरी माह में भी बना। लेकिन इस वर्ष पश्चिमी विक्षोप में जम्मू कश्मीर तथा उत्तराखंड में लगातार हुई बर्फवारी के बाद भी अमरकंटक का तापमान न्यूनतम स्तर पर नहीं पहुंचा औ जनवरी माह के दूसरे सप्ताह में मौसम की पहली बर्फ की चादर बिछी। अब तीसरे सप्ताह में भी बर्फ ने अमरकंटक को अपनी आगोश में लिया। जानकारों का मनाना है कि अमरकंटक की ठंड वादियां सालोंभर सैलानियों और पर्यटकों को अपनी ओर लुभाती है। बर्फ जमने के बाद सैलानियों की तादाद अधिक बढ़ेगी,आगामी नर्मदा जयंती और महाशिवरात्र जैसे पावन पर्व हैं।
जिला मुख्यालय में भी नीचे उतरा तापमान
एक ओर जहां अमरकंटक में बर्फ की चादर जमी है, वहीं जिला मुख्यालय अनूपपुर में भी तापमान का स्तर नीचे लुढ़का है। जिसमें रविवार को न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस पहुंचा, जबकि अधिकतम तापमान 22 डिग्री तक ही सिमटा रहा।
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