इंदौर। मालवा-निमाड़ में ठंड का मौसम इस बार गर्म हो रहा है। तीन-चार दिनों से पारा सामान्य से ज्यादा चल रहा है। दिसंबर के दूसरे सप्ताह में लोगों को ठिठुरन का इंतजार बना हुआ है। मौसम के उतार-चढ़ाव को समझ पाना आसान नहीं है। वहीं आधा सीजन बीतने के बाद भी गर्म कपड़ों के दुकानदारों को ग्राहकी का इंतजार बना हुआ है।
तकरीबन ठंड का आधा सीजन गुजरने की ओर अग्रसर हो चला है और मौसम का मिजाज अब तक किसी के समझ में नहीं आया है। मालवा में देखा जाए तो अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से ठंड की रंगत शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार 2 महीने बाद भी ठंडक अपना मजमा नहीं जमा पाई है। वहीं तकरीबन पौने दो महीने बाद मकर संक्रांति से ठंड का असर कमजोर माना जाता है। इस लिहाज से भी ठंड का आधा सीजन बीत चुका है। मौसम के इस उतार-चढ़ाव से किसान भी परेशान हैं। पारा सामान्य से दो-तीन डिग्री ज्यादा चल रहा है। इससे फसलों के दानों में चमक कमजोर रहने और फसल को पानी ज्यादा देने की आवश्यकता किसानों को महसूस हो रही है। फिलहाल न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा 16 डिग्री के करीब चल रहा है तो अधिकतम तापमान भी सामान्य से दो डिग्री ज्यादा 30 डिग्री पर आ खड़ा हुआ है। फसलों के लिए एक जैसी ठंडक की आवश्यकता है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो आगामी 4 से 5 दिन बाद मौसम में फिर परिवर्तन होगा और तापमान नीचे आएगा, यानी पारा लुढक़ेगा और मालवा में ठंड चमकेगी। ठंड के कमजोर होने से गर्म कपड़ों का व्यवसाय करने वाले दुकानदारों की ग्राहकी इस बार कमजोर ही मानी जा रही है। दुकानदारों का कहना है कि जिस समय कड़ाके की ठंड होती है तो नया पुराना सारा स्टाक बराबर हो जाता है। अभी तो गर्म कपड़ों की पूछपरख करने भी दुकानों पर लोग कम ही जा रहे हैं।
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