नई दिल्ली। पहाड़ों पर बर्फबारी (snow on the mountains) तेज हो गई है। श्रीनगर (Srinagar) में इस मौसम की पहली बर्फबारी हुई है। धीरे-धीरे इसका असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल सकता है। शीत लहर का प्रकोप (cold wave outbreak) बढ़ने की प्रबल संभावना हो चुकी है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्वी हिस्से में तो तापमान 7 डिग्री से नीचे चला गया। वहीं, बिहार में भी लोगों को कड़ाके ठंड (Severe cold in Bihar) का सामना करना पड़ रहा है। जगह-जगह पर लोग अलाव के सहारे ठंड से राहत पाने की कोशिश करते दिखे।
पूर्वांचल में शीतलहर दस्तक दे चुकी है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण दिन और रात का पारा लगातार गिर रहा है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान में सात डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई जबकि दिन का तापमान लगातार दूसरे दिन सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम रहा।पूर्वी यूपी में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता बनी हुई है। उत्तराखंड के पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है। एक और पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान में बना है। यह तिब्बत की तरफ शिफ्ट हो रहा है। जिसके कारण उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में झमाझम बारिश भी होगी। इसका असर मैदानी क्षेत्रों पर हो रहा है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम है। गुरुवार को सीजन की सबसे सर्द रात भी रही। इससे पहले बुधवार को दिन का तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस था। जो सामान्य से करीब 4 डिग्री कम रहा।
गुरुवार को सुबह से ही आसमान में हल्के कोहरे के साथ बादल छाए रहे। सूरज की किरणें कोहरे के बादलों को चीर नहीं सकीं। सुबह पुरवा हवा चली। दोपहर 12 बजे के बाद से पछुआ चलने लगी। इसके कारण दिन का पारा और लुढ़क गया। गुरुवार को दिन का अधिकतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विशेषज्ञ केसी पांडेय ने बताया कि पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है। पहाड़ों से टकराकर लौट रही हवाओं के कारण पारा नीचे गिरेगा, सर्दी और बढ़ेगी।
नव वर्ष पर दिल्ली में होगी भीषण शीत लहर
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर दिल्ली के अधिकतर हिस्से शीत लहर और भीषण ठंड की चपेट में होंगे तथा जनवरी की शुरुआत में यहां सर्दी का सितम और बढ़ने के आसार हैं। आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली सहित पूरा उत्तर भारत अभी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में है और खाड़ी क्षेत्र से बहने वाली गर्म नम हवाओं के कारण यहां लोगों को ठंड से हल्की राहत मिली है।
हालांकि मौसम विज्ञानियों ने 31 दिसंबर से राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान में एक बार फिर गिरावट शुरू होने का अंदेशा जताया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आगामी शनिवार को न्यूनतम तापमान घटकर छह डिग्री सेल्सियस हो जाएगा, जबकि सोमवार (दो जनवरी) को पारा चार डिग्री सेल्सियस तक लुढ़कने के आसार हैं। उसका पूर्वानुमान है कि पहली से चार जनवरी तक दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में घना कोहरा छाये रहने और शीतलहर चलने के आसार हैं।
मौसम विज्ञानियों ने कहा कि उत्तर-पश्चिम से बहने वाली सर्द हवाओं और कोहरे से धूप की तीव्रता में कमी के कारण उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले दिनों में शीत लहर और सामान्य से कम तापमान का दौर देखने को मिला था। उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 25-26 दिसंबर को पहाड़ों में फिर से बर्फबारी हुई जबकि, पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव खत्म होने के बाद मैदानी इलाके सर्द उत्तर-पश्चिमी हवाओं की गिरफ्त में आ गए। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, एक नए पश्चिमी विक्षोभ से उत्पन्न समान परिस्थितियों के कारण दिल्ली को जनवरी की शुरुआत में फिर भीषण ठंड का सामना करना पड़ेगा।
यह है शीतलहर का मानक
मौसम विशेषज्ञ केसी पाण्डेय ने बताया कि मैदानी क्षेत्र में किसी स्थान का न्यूनतम तापमान चार डिग्री से कम होने पर कोल्ड वेव (शीतलहर) कहा जाता है। अगर किसी स्थान का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम हो और माह के औसत न्यूनतम तापमान से 4.5 से 6.5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो तो भी इसे शीतलहर कहा जाता है। मैदानी क्षेत्र में न्यूनतम तापमान दो डिग्री या उससे कम होने पर गंभीर शीतलहर मानी जाती है। मैदानी क्षेत्र में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम हो और उस दिन अधिकतम तापमान माह के औसत से 4.5 से 6.5 डिग्री तक कम हो तो उसे शीत दिवस कहा जाता है। इससे कम तापमान होने पर वह सीवियर कोल्ड-डे हो जाता है।
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