नई दिल्ली (New Delhi) । उत्तर पश्चिमी भारत (North West India) में लोगों को भारी ठंड (Cold) का सामना करना पड़ रहा है. सर्दी के इस सितम से 20 जनवरी तक राहत मिलने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं. इस दरमियान दिल्ली (Delhi), पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कई इलाकों में घना कोहरा (heavy fog) छाया रहने की संभावना है. इसके साथ ही पहाड़ी राज्यों हिमाचल, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड में भी अगले 4 दिन तक घने कोहरे का पूर्वानुमान है.
तापमान में गिरावट की ये है मुख्य वजह
गौरतलब है कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. पहाड़ी क्षेत्रों में स्नोफॉल (Snowfall) की वजह से बर्फीली हवाएं उत्तर दिशा की ओर बढ़ रही हैं. तापमान में गिरावट की ये मुख्य वजह है.
इसके बाद सर्दी से राहत मिलने की संभावना
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि धूप होने के बावजूद तामपान में गिरावट कम नहीं हो रही है. 16 से 18 जनवरी के बीच और अधिक ठंड पड़ने का अनुमान है. आने वाले समय में दिल्ली में 2 से 3 डिग्री तामपान दर्ज किया जा सकता है. 20 जनवरी से दिल्ली की हवा में नम कम होना शुरू होगी. इसके बाद ही सर्दी से राहत मिलने की संभावना है.
ठिठुरन वाली ठंड लौटने का अनुमान
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में बीते दो दिन से तापमान में मामूली वृद्धि जरूर देखी गई है. इससे घने कोहरे के प्रकोप से थोड़ी राहत मिली है. लेकिन IMD ने फिर ठिठुरन वाली ठंड लौटने का अनुमान जताया है. वहीं, राजस्थान में 15 जनवरी से शीतलहर की तीव्रता में बढ़ोतरी हो सकती है.
जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी ने राजस्थान में बढ़ाई ठंड
इस दौरान बीकानेर, जयपुर, अजमेर के अधिकतर भागों में शीतलहर से तीव्र शीतलहर दर्ज होने की जा सकती है. उत्तर-पश्चिमी भारत में अगले दो दिन में फिर से शीतलहर और कोहरे का प्रकोप शुरू होने का अनुमान है. उधर, जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी की वजह से राजस्थान में भी सर्दी का प्रकोप बढ़ गया है. मौसम विभाग के मुताबिक, 18 जनवरी तक यहां शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा.
तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है
अगले 48 घंटों में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है. राजस्थान के रेगिस्तानी हिस्सों में भी घास के ऊपर बर्फ की चादर देखने को मिल रही है. सर्दी से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं.
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