भोपाल। नए साल से पहले राजधानी भोपाल में ठंड ने दस्तक दे दी है। पहाड़ों में बर्फबारी के बाद समूचा उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में है। इसका असर मप्र पर दिखाई दे रहा है। प्रदेश का 70 फीसदी हिस्सा कड़ाके की ठंड से ठिठुर गया है। भोपाल समेत 17 जिलों में रात का तापमान 8 डिग्री से नीचे पहुंच गया। उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है। समूचा उत्तर भारत भीषण ठंड की चपेट में है। वहां से आ रही सर्द हवाओं से समूचा मध्य प्रदेश भी ठिठुरने लगा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक ठंड के तीखे तेवर एक जनवरी तक इसी तरह बने रहने के आसार हैं। इस दौरान प्रदेश में न्यूनतम तापमान दो डिग्री तक पहुंच सकता है। सोमवार से हवाओं का रुख उत्तरी होते ही राजधानी सहित पूरे प्रदेश में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है। ग्वालियर, चंबल, सागर संभाग शीतलहर की चपेट में आ चुके हैं। फसलों पर पाला पडऩे की आशंका भी बढ़ गई है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि आसमान साफ होने और वातावरण में नमी नहीं होने के कारण धूप तो निकल रही है, लेकिन लगभग 15 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही सर्द हवाओं के कारण धूप में भी सिहरन महसूस हो रही है। साथ ही अधिकतम तापमान भी नहीं बढ़ पा रहा है।
शुक्ला ने बताया कि उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में है। वर्तमान में हवा का रुख उत्तरी बना हुआ है। पड़ोसी राज्य राजस्थान भी कड़ाके की ठंड की चपेट में है। इस वजह से राजस्थान से लगे मध्य प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी इलाके में तापमान तेजी से नीचे गिर रहा है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक जनवरी तक ठंड के तेवर इसी तरह तीखे बने रहने के आसार हैं। इससे बाद तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने की संभावना है। उधर तीन जनवरी के बाद प्रदेश में मौसम का मिजाज एक बार फिर बिगडऩे के आसार भी बन रहे हैं। पूर्वी और पश्चिमी हवाओं के सम्मिलन (टकराव) के कारण राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ ओले भी गिर सकते हैं। बरसात की स्थिति दो दिन तक बनी रह सकती है।
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