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आचार संहिता…तीन महीने नहीं हो पाएगी मलेरिया और डेंगू की जाँच

March 19, 2024

  • इस बार डेंगू, मलेरिया और चिकन गुनिया के संदिग्ध मरीजों की जांच का अभियान भी प्रभावित होगा
  • जिला मलेरिया अधिकारी बोले, 4 जून के बाद ही हो पाएंगे विभागीय काम

उज्जैन। गर्मी शुरु होने से पहले ही शहर में मच्छरों की भरमार होने लगी है। इधर लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता भी लग गई है। जिले में यह 4 जून तक प्रभावशील रहेगी। ऐसे में इस बार मलेरिया विभाग के डेंगू, मलेरिया और चिकन गुनिया के संदिग्ध मरीजों की जांच का अभियान भी निर्धारित समय के बाद शुरु हो पाएगा। जिला मलेरिया अधिकारी का कहना है कि इन तीन महीनों में विभाग में इस तरह का कोई अभियान नहीं चल पाएगा।


उल्लेखनीय है कि जिले में पिछले 7 सालों में मलेरिया के मामलों में लगातार गिरावट आई है। हालांकि साल 2020 में डेंगू ने जिले में महामारी का रूप ले लिया था। इसके बाद साल 2022 के शुरुआती 11 महीनों में डेंगू का एक भी नया केस जिले में नहीं मिला था। पिछले साल भी मलेरिया विभाग के रिकार्ड में जिले में मलेरिया का एक भी केस दर्ज नहीं हुआ था और डेंगू की स्थिति भी नियंत्रण में बताई गई थी। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2022 में डेंगू, मलेरिया और चिकन गुनिया की तत्काल पहचान तथा बीमारी पर नियंत्रण के लिए 2 लाख 14 हजार 479 संदिग्ध मरीजों की जांच का लक्ष्य दिया गया था, परंतु विभाग ने इस वर्ष लक्ष्य से 14 प्रतिशत अधिक 2 लाख 45 हजार 270 नमूनों की जांच की थी। इनमें किसी भी मरीज में डेंगू, मलेरिया या चिकन गुनिया के लक्षण नहीं मिले थे। यही स्थिति साल 2023 में भी बताई गई थी। इधर शहर में गर्मी की दस्तक के बाद से मच्छरों की भरमार होने लगी है। हालत यह है कि मार्च महीने के दूसरे सप्ताह में ही शाम ढलते ही मच्छरों के कारण शहरवासियों को परेशानी होने लगी है। दूरदराज की कॉलोनियों में तो अंधेरा होते ही मच्छरों के झुंड सक्रिय हो रहे हैं। शहरी क्षेत्र में भी यही स्थिति बनी हुई है। इधर हर साल जून का महीना शुरु होने से पहले ही मलेरिया विभाग डेंगू, मलेरिया और चिकन गुनिया की रोकथाम के अभियान की शुरुआत कर देता है। हर वर्ष 15 जून तक विभाग द्वारा उक्त बीमारियों के संदिग्ध मरीजों के लाखों नमूने लेकर जांच भी पूरी कर दी जाती है। परंतु इस बार उज्जैन जिले में 13 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है और 4 जून को इंजीनियरिंग कॉलेज में वोटों की गिनती होगी और चुनाव परिणाम आएंगे। ऐसे में मलेरिया विभाग का यह अभियान 4 जून के बाद ही शुरु हो पाएगा।

चुनाव में ड्यूटी, 3 महीने कुछ भी नहीं
इस बारे में जिला मलरिया अधिकारी डॉ. आरएस जाटव ने बताया कि वे शाजापुर जिले के साथ-साथ उज्जैन जिले में जिला मलेरिया अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। आम दिनों में भी वे महीने में एक या दो बार उज्जैन कार्यालय आ पाते हैं। शनिवार से आचार संहिता लग गई है और शाजापुर में निर्वाचन के लिए उन्हें सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया गया है। अब वे 4 जून के बाद ही उज्जैन आ पाएंगे। इस दौरान विभाग में कोई काम नहीं हो सकेगा। मलेरिया व अन्य अभियान भी इलेक्शन के बाद ही शुरु हो पाएंगे।

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