रोहतक। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hooda) ने कहा कि गठबंधन सरकार (Coalition government) चार्वाक की ‘कर्जा लो, घी पियो’ की नीति पर काम कर रही है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति ऐसी हो गई है कि बजट का करीब 95 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ कर्ज व ब्याज भुगतान और पेंशन, वेतन व भत्तों के भुगतान में खर्च हो जाता है। इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास के अन्य कार्यों के लिए सरकार के पास कोई बजट नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का भी जबाव नहीं दे पाई कि आखिर छह साल के दौरान न तो प्रदेश में कोई बडा प्रोजेक्ट शुरू हुआ और न ही मेट्रो की एक इंच लाईन भी नहीं बढ़ी और स्थिति यह हो गई हरियाणा में पैदा होने वाला बच्चा एक लाख रूपये का कर्ज सिर लेकर पैदा हो रहा है। यह सबसे बडी शर्मनाक बात है। बेरोजगारी के मामले में तो प्रदेश पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार बेरोजगारी, अपराध, महंगाई, आर्थिक मंदी और विकास समेत हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है और पिछले दो साल से प्रदेश का युवा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर झेल रहा है।
हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान 20 हजार से ज्यादा जेबीटी की भर्ती निकली थीं, लेकिन, भाजपा सरकार के छह साल में एक भी जेबीटी की भर्ती नहीं निकाली गई। क्योंकि इस सरकार का लक्ष्य सरकारी नौकरियां पैदा करना नहीं, बल्कि नौकरियां खत्म करना है। ये सरकार लगातार स्कूलों को बंद और नौकरियों को खत्म करने में लगी है। सरकार ने एक ही झटके में 1057 स्कूलों को बंद करने का ऐलान कर दिया। इतना ही नहीं, कांग्रेस सरकार के दौरान बनाए गए नौ किसान मॉडल स्कूलों को भी इस सरकार ने बंद कर दिया। पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश में 40 हजार अध्यापकों की पोस्ट खाली पड़ी हैं। बावजूद इसके सरकार टीचर्स की भर्ती नहीं कर रही है। अलग-अलग सरकारी महकमों में करीब 1 लाख पद खाली पड़े हैं। लेकिन सरकार भर्तियां करने को तैयार नहीं है। हुड्डा ने कहा कि लॉकडाउन के बाद डीजल 28 प्रतिशत और राशन 43 प्रतिशत महंगा हो गया। (एजेंसी, हि.स.)
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