नई दिल्ली (New Delhi)। चालू वित्त वर्ष 2023-24 (Current financial year 2023-24) के दौरान फरवरी 2024 तक कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों (captive and commercial mines) से कोयला का उत्पादन एवं प्रेषण (coal Production and coal dispatch) क्रमशः 27 एवं 29 फीसदी बढ़ा है। कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से उत्पादन एवं प्रेषण में माह-दर-माह एवं वर्ष-दर-वर्ष आधार पर यह वृद्धि हुई है।
कोयला मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि 01 अप्रैल से 29 फरवरी, 2024 तक की अवधि के दौरान कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से कुल कोयला उत्पादन और प्रेषण 126.80 एमटी और 128.88 एमटी रहा है। यह वित्त वर्ष 22-23 की समान अवधि की तुलना में क्रमशः 27.06 फीसदी और 29.14 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। इसके साथ ही बढ़ी हुई दक्षता और एक मजबूत लॉजिस्टिक नेटवर्क को भी प्रतिबिंबित करता है।
मंत्रालय के मुताबिक 29 फरवरी, 2024 तक कोयला उत्पादक खदानों की कुल संख्या 54 थी, जिसमें 35 बिजली क्षेत्र को आवंटित है, 11 गैर-विनियमित क्षेत्र को आवंटित की गई है, जबकि 8 कोयले की बिक्री के लिए आवंटित की गईं है। वाणिज्यिक कोयला नीलामी के तहत 91 खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है, जिनमें से 7 खदानों ने पहले ही कोयले का उत्पादन शुरू कर दिया है।
कोयला मंत्रालय ने बताया कि फरवरी 2024 के महीने में कुल कोयला उत्पादन और प्रेषण क्रमशः 37 और 33 फीसदी की वृद्धि के साथ 14.85 एमटी और 12.95 एमटी रहा है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2022-2023 के इसी अवधि में यह क्रमशः 10.85 एमटी और 9.72 एमटी था। मंत्रालय ने कहा कि औसत दैनिक कोयला उत्पादन और प्रेषण दर क्रमशः 5.12 एलटी और 4.46 एलटी प्रति दिन रही जो निरंतर निष्पादन को दर्शाती है।
मंत्रालय ने कहा कि कोयला उत्पादन और प्रेषण में यह उल्लेखनीय वृद्धि भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और आयातित कोयले पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए कोयला मंत्रालय की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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