नई दिल्ली । देश में कोयले संकट (Coal Crisis in the Country) के बीच रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने दावा किया है (Claimes) पिछले साल के मुकाबले (Compared to Last Year) इस साल कोयले की मांग (Coal Demand) और खपत (Consumption) में 20 फीसदी (20 Percent) की वृद्धि हुई है (Increased) । इसी वजह से अतिरिक्त कोयला मालगाड़ियों का संचालन किया जा रहा है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के. त्रिपाठी ने रविवार को कहा, “हम कह सकते हैं कि पिछले साल से कोयले की मांग और खपत में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अप्रैल 2022 के महीने में, हमने अप्रैल 2021 की तुलना में 15 फीसदी अधिक कोयले का परिवहन किया है। कोयले की मांग और खपत पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ गई है, इसलिए हम अधिक मात्रा में कोयले का परिवहन कर रहे हैं। हम मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में अतिरिक्त कोयला रेक और उच्च प्राथमिकता पर संचालित कर रहे हैं।”
देश में इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है और इस कारण अप्रैल के महीने से ही बिजली की मांग बहुत बढ़ी है, जिससे कोयले की खपत भी बढ़ गई है। यही वजह हैं कि अब पावर प्लांट्स के पास कुछ ही दिनों का कोयला रह गया है इसकी वजह से देश में बिजली संकट खड़ा हो गया है। इस स्थिति से बचने के लिए रेलवे ने अपनी ओर से पूरा सहयोग देने का प्रयास शुरू कर दिया है। देश में कोयले की ढुलाई का काम सबसे अधिक रेलवे द्वारा ही किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि देश के कई हिस्सों में बिजली उत्पादन संयंत्र कोयला संकट का सामना कर रहे हैं। रेलवे ने इससे निपटने के लिए और कोयले की आपूर्ति के लिए 15 फीसदी अतिरिक्त कोयले का परिवहन किया। इसी सिलसिले में रेलवे ने अगले एक महीने तक 670 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया है ताकि कोयला ले जा रही मालगाड़ियों के फेरों को बढ़ाया जा सके। इसके चलते छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे कोयला उत्पादक राज्यों से आने-जाने वाले लोगों को असुविधा हो रही है।
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