नई दिल्ली । केंद्र सरकार (central government) ने कोयला (Coal) आधारित बिजली संयंत्रों (power plants) को बता दिया है कि जून (june) में लक्ष्य से 11.1 फीसदी कम घरेलू कोयले की आपूर्ति होगी। कुछ संयंत्रों को सलाह दी गई है कि वे बिजली की ऊंची मांग को पूरा करने के लिए कोयले का आयात करें। ऊर्जा मंत्रालय ने एक आंतरिक मेमो में संयंत्रों को यह सलाह दी है।
ऊर्जा मंत्रालय ने जून में कुल कोयला आपूर्ति का लक्ष्य 633 लाख टन से घटाकर 562 लाख टन कर दिया है। सरकारी कोयला कंपनियों कोल इंडिया व सिंगरेनी कोयलियरीज ने जून में कुल 474.5 लाख टन कोयला आपूर्ति का लक्ष्य तय किया है जो कि पहले के लक्ष्य 523 लाख टन से 9.3 फीसदी कम है।
एक जून से उपलब्ध कोयले का आवंटन बिजली कंपनियों को इसी अनुपात में किया जाएगा। मंत्रालय ने 24 मई के मेमो में कहा है कि शेष आवश्यकता की पूर्ति आयातित और सुरक्षित कोयला खदानों से वास्तविकता पर आधारित खनन से होगी।
इससे पहले केंद्र सरकार ने पिछले 38 साल में सबसे अधिक बिजली मांग को पूरा करने के लिए कोयला आयात को शून्य पर लाने संबंधी नीति को इस साल बदल दिया था। यही नहीं आयातित कोयला संयंत्रों को चलाने और बंद पड़ी कोयला खानों को फिर से खोलने का फैसला भी किया था।
16.2% आयात लक्ष्य बढ़ाकर 48.9 लाख टन किया
घरेलू कोयले में मिलाने के लिए जून का कोयला आयात लक्ष्य सरकार ने 16.2% बढ़ाकर 48.9 लाख टन कर दिया है।
ऊर्जा मंत्रालय का कहना है कि कोयले का कम आयात घरेलू कोयला आपूर्ति पर दबाव बना रहा है और बिजली संयंत्रों के लिए ईंधन में कमी का कारण बन रहा है।
आयात करने वाले संयंत्रों को यह लाभ
केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह सरकारी बिजली संयंत्रों को चेतावनी दी थी कि यदि उन्होंने 15 जून से ईंधन में मिलाने के लिए कोयला आयात नहीं किया तो घरेलू कोयले की आपूर्ति में कमी कर दी जाएगी। ऐसे संयंत्र जो बाहर से कोयला आयात करेंगे उन्हें कोयला कंपनियां उपलब्ध होने पर ज्यादा कोयला भेजेंगी ताकि उनके पास ईंधन का पर्याप्त भंडार हो सके।
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