आगर मालवा। शहर में अब शासन की गाईड लाईन के अनुसार कोचिंग संस्थान और प्रशिक्षण संस्थान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सौ प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित किए जा सकेंगे। कलेक्टर अवधेश शर्मा ने गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन के निर्देशों एवं वर्तमान कोविड-19 स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए जनसामान्य के कल्याण एवं लोक शांति कायम रखने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत् सम्पूर्ण आगर-मालवा जिले की राजस्व सीमा क्षैत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। जारी आदेशानुसार जिले में सभी सामाजिक, राजनैतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन, मेले, धार्मिक चल समारोह जिनमें जनसमूह एकत्र होता है, प्रतिबंधित रहेंगे। समस्त कोचिंग संस्थान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम हाल की क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तक संचालित किए जा सकेंगे तथा 15 अक्टूबर से 100 प्रतिशत की क्षमता पर कोचिंग संस्थान एवं प्रशिक्षण संस्थान कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए संचालित हो सकेंगे।
समस्त धार्मिक एवं पूजा स्थल की क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तक श्रृद्धालु व अनुयाई उपस्थित रह सकेंगे। समस्त प्रकार की दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय, शॉपिंग मॉल अपने नियत समय तक खुल सकेंगे। सिनेमाघर एवं थिएटर कुल क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तक संचालित किए जा सकेंगे। समस्त वृहद्, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग अपनी पूर्ण क्षमता पर कार्य कर सकेंगे तथा निर्माण गतिविधियां सतत् चल सकेगी। जिम, फिटनेस सेंटर, योगा केंद्र का संचालन इनकी क्षमता के 50 प्रतिशत तक कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए किया जा सकेगा। जो 15 अक्टूबर पूरी क्षमता के संचालित हो सकेंगे। समस्त खेलकूद के स्टेडियम एवं स्विमिंगपूल खुल सकेंगे तथा खेल आयोजनों में 50 प्रतिशत क्षमता तक दर्शक भी शामिल हो सकेंगे। समस्त रेस्टोरेंट एवं क्लब 100 प्रतिशत क्षमता से कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए खुल सकेंगे। विवाह आयोजनों में दोनों पक्षों के मिलाकर अधिकतम 300 अतिथि या व्यक्ति शामिल हो सकेंगे। आयोजनों में कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए समस्त प्रोटोकॉल का पालन आयोजक द्वारा किया जाना होगा। अधिकतम 200 व्यक्ति की उपस्थिति में अंतिम संस्कार की अनुमति रहेगी। रावण दहन के पूर्व परम्परागत श्रीराम के चल समारोह प्रतीकात्मक रूप से अनुमत्य होगा। रामलीला तथा रावण दहन के कार्यक्रम खुले मैदान में फेस मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग की शर्त पर आयोजन संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दंडाधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त कर किए जा सकेंगे। रामलीला के आयोजन में मैदान एवं हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत सीमा तक दर्शक शामिल हो सकेंगे।