उज्जैन। रेलवे ने आरामदायक यात्रा उपलब्ध कराने को लेकर अधिकांश ट्रेनों में एलएचबी कोच लगा दिए हैं। इन कोच से ट्रेन में झटके कम लगते हैं और एक्सीडेंट होने की स्थिति में नुकसान कम होता है, लेकिन ये कोच दिव्यांग और महिला यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं।
उज्जैन से चलने वाली अधिकांश महत्वपूर्ण ट्रेनें, जिनमें इंदौर-नई दिल्ली इंटरसिटी एक्सप्रेस, अवंतिका एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें शामिल हैं, में लंबे समय से एलएचबी कोच लगा दिए हैं। इन ट्रेनों में महिलाओं और दिव्यांगों के कोच के साथ जनरल कोच भी कम कर दिए गए हैं। चूंकि इसमें जनरेटर और पॉवर कार के लिए कोच लगाए जाते हैं, इसलिए महिला यात्रियों के लिए बराबर जगह नहीं बचती। इसके अलावा लिंगमपल्ली, त्रिशताब्दी, पुणे, कोचूवैली एक्सप्रेस आदि ट्रेनों से तो महिला और दिव्यांगों के कोच ही गायब हो गए हैं। वर्तमान में इंटेग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई तथा मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली में नए कोच बनाए जा रहे हैं, जिनमें महिला और दिव्यांग यात्रियों के बैठने के लिए जगह है, लेकिन रतलाम मंडल के रैक के लिए इन कोच को नहीं मांगा गया है। अगर इन कोच को वर्तमान कोच में लगा दिया जाता है तो यात्रियों को आरामदायक सफर की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए रेलवे जीएम और बोर्ड को भी पत्र लिखा जा चुका है।
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