ब्रिस्बेन। भारतीय कोच रवि शास्त्री (Ravi Shasrti) गाबा में ऑस्ट्रेलिया का गुरूर तोड़ने के बाद ड्रेसिंग रूम में जब अपने ‘घायल योद्धाओं’ को उनके ‘साहस, संकल्प और जज्बे’ के लिए शाबासी दे रहे थे। उस वक्त सभी चेहरों पर मुस्कान बिखरी थी। इसी के साथ सीटियां और तालियां जमकर बज रही थी।
चोटिल खिलाड़ियों के कारण परेशान रही भारतीय टीम ने चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में मंगलवार को 328 रन के मुश्किल लक्ष्य को हासिल करके ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) को उसके ‘अजेय किले’ गाबा में 32 साल बाद पहली हार का स्वाद चखाया, जिसके बाद कोच शास्त्री ने तीन मिनट से थोड़ा अधिक समय तक ड्रेसिंग रूम में यह भाषण दिया।
इस जीत से भावुक शास्त्री ने कहा, ”जो साहस, संकल्प और जज्बा आपने दिखाया वह कल्पनातीत है। एक बार भी आपने पीछे मुड़कर नहीं देखा, चोटों से जूझने और 36 रन पर आउट (पहले टेस्ट में) होने के बावजूद आपने खुद पर भरोसा बनाए रखा।” शास्त्री जब अपनी बात कह रहे थे तब कप्तान अजिंक्य रहाणे चुपचाप उनके बगल में खड़े रहे।
WATCH – Exclusive: Head Coach @RaviShastriOfc delivers a dressing room speech at Gabba.
A special series win in Australia calls for a special speech from the Head Coach. Do not miss!
Full 📽️📽️https://t.co/kSk2mbp309 #TeamIndia pic.twitter.com/Ga5AaMvkim
— BCCI (@BCCI) January 19, 2021
उन्होंने कहा, ”यह आत्मविश्वास रातों रात नहीं आया, लेकिन अब इस आत्मविश्वास के दम पर आप देख सकते हैं कि एक टीम के तौर पर आप खेल को कहां से कहां तक ले गए। आज भारत ही नहीं पूरा विश्व तुम्हें सैल्यूट करेगा।” शास्त्री ने कहा, ”इसलिए आज तुमने जो किया उसको याद रखें। आपको इस पल का भरपूर आनंद लेना चाहिए। इसे अपने से दूर न जानें दे। इसका जितना लुत्फ उठा सकते हो उठाओ।”
शास्त्री ने कहा, ”इसकी शुरुआत मेलबर्न से हुई, सिडनी में प्रदर्शन शानदार रहा। इससे हम बराबरी के साथ यहां पहुंचे तथा आज जिस तरह से जीत दर्ज की वह असाधारण थी। शुभमन ने बेजोड़ खेल दिखाया। पुजी (पुजारा) आपको परम योद्धा के रूप में जाना जाएगा।” शास्त्री जब यह कह रहे थे तो युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज खुद को सीटी बजाने से नहीं रोक सके जबकि अन्य खिलाड़ियों ने तालियां बजाई।
कोच ने कहा, ”और ऋषभ का तो जवाब नहीं। आपने जिस तरह से बल्लेबाजी की उससे आपने कुछ को हर क्षण दिल का दौरा दिया, लेकिन आपने बेहतरीन तरीके से अपनी भूमिका निभाई।” इस उत्साही माहौल के बीच जो व्यक्ति शांतचित खड़ा था वह रहाणे था और शास्त्री ने उनकी नेतृत्वक्षमता की भी जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ”हम जिस स्थिति में थे वहां जिंक्स (रहाणे) ने नेतृत्व संभाला और वहां से जिस तरह से वापसी दिलाई और मैदान पर चीजों को नियंत्रण में रखा वह वास्तव में शानदार था।” शास्त्री ने टी नटराजन, वाशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर की भी प्रशंसा की। नटराजन और वाशिंगटन का यह पहला टेस्ट मैच था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved