नई दिल्ली। दिल्ली में सीएनजी एक बार फिर महंगी हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी का नया भाव 79.56 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। नई दरें 17 दिसंबर 2022 (शनिवार) की सुबह छह बजे से लागू हो गईं हैं। शुक्रवार तक दिल्ली में सीएनजी 78.61 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रही थी, ऐसे में इस इसमें 95 पैसे प्रति किलोग्राम का इजाफा हो गया है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में सीएनजी की कीमत 82.12 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है जबकि गुरुग्राम में यह 87.89 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। आइए जानते हैं सीएनजी और पीएनजी पिछले कुछ महीनों के दौरान इतना महंगा क्यों हुआ? सीएनजी व पीएनजी की दरों पर बनी कमिटी ने सरकार से क्या सिफारिश की है?
दिल्ली और गुरुग्राम में सीएनजी की कीमतों में आठ रुपये का अंतर
दिल्ली और गुरुग्राम में सीएनजी की कीमतों में लगभग आठ रुपये का अंतर है। पिछले एक वर्षों के दौरान देश की राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में सीएनजी की कीमतों में 70% से अधिक का इजाफा हो गया है। दिल्ली में सीएनजी की कीमतें इससे पहले 8 अक्तूबर 2022 को बदली थी। उस दौरान कीमतों में तीन रुपये प्रति किलोग्राम का इजाफा किया गया था। वहीं, अक्तूबर महीने में गुरुग्राम में सीएनजी 86.94 प्रति किलोग्राम जबकि नोएडा व गाजियाबाद में 81.17 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया था।
एक साल में कितना महंगा हुआ सीएनजी?
बीते एक एक वर्षों के दौरान सीएनजी करीब 73 प्रतिशत तक महंगा हो गया है। 1 अक्तूबर 2022 को सीएनजी 45.5 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा था जबकि आज यानी 17 दिसंबर 2022 को सीएनजी 79.56 रुपये प्रतिकिलोग्राम हो गया है। ऐसे में पिछले 14 महीनों के दौरान सीएनजी 34.06 रुपये प्रति किलोग्राम महंगा हो गया है। कीमतों में बढ़ोतरी से व्यावसायिक वाहन मालिकों के साथ-साथ निजी रूप से सीएनजी गाड़ियों का इस्तेमाल करने वाले भी खासा परेशान हैं।
पीएनजी की कीमतें भी 91% तक बढ़ीं
अक्तूबर महीने में आईजीएल ने घरेलू रसोई में इस्तेमाल होने वाली पाइप्ड प्राकृतिक गैस (PNG) की दर दिल्ली में 50.59 रुपये प्रति एससीएम से बढ़ाकर 53.59 रुपये प्रति मानक क्यूबिक मीटर कर दी थी। अगस्त 2021 के बाद से पीएनजी दरों में यह 10वीं वृद्धि थी। कीमतों में 29.93 रुपये प्रति एससीएम या लगभग 91 प्रतिशत की वृद्धि हो गई थी। उस समय आईजीएल ने कहा था नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के कानपुर और राजस्थान के अजमेर जैसे अन्य शहरों में भी सीएनजी और पीएनजी की दरों में वृद्धि की गई है। पीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी से आम आदमी के घर का बजट भी प्रभावित हुआ है।
क्या है सीएनजी और पीएनजी की बढ़ती कीमतों का कारण?
कुछ समय पूर्व रेटिंग एजेंसी इंक्रा की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि बीते एक वर्षों के दौरान सीएनजी करीब 70 प्रतिशत महंगा हो गया है। इसका एक बड़ा कारण इस साल प्राकृतिक गैसों की कीमतों हुई रिकॉर्ड बढ़ोतरी है। इसी कारण सीएनजी और पीएनजी लगातार महंगा होता जा रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चताओं के बीच ग्लोबल मार्केट में प्राकृतिक गैस की कीमतों में बड़ा इजाफा दर्ज किया गया है। रूस अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राकृतिक गैसों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश है, पर वर्तमान में उस पर लगे तमाम प्रतिबंधों के कारण यूरोपीय और अमेरिकी बाजार में रूसी गैस की आपूर्ति सीमित है।
इस कारण बाजार में कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। सीएनजी की लगातार बढ़ती कीमतों को देखते हुए अब इसके इस्तेमाल में भी कमी देखी जा रही है। जानकारों के मुताबिक कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अब महज नौ से 10 फीसदी वाहनों में सीएनजी का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि पूर्व में करीब 16 प्रतिशत वाहन सीएनजी से चल रहे थे। डीजल और सीएनजी की कीमतों में बहुत थोड़े अंतर के कारण अब लोग सीएनजी वाहनों की तुलना में डीजल संचालित वाहन इस्तेमाल करने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
कमिटी ने दिए थे सीएनजी को सस्ता रखने के सुझाव
गैस की कीमतों से संबंधित कमिटी किरीट पारिख कमिटी ने सरकार से सीएनजी (CNG) पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी को कम करने की सिफारिश की थी। कमेटी ने कहा था कि जब तक प्राकृतिक गैस की कीमतों को जीएसटी (GST) के दायरे में नहीं लाया जाता है तब तक सरकार को सीएनजी पर एक्साइज ड्यूटी वसूलना बंद कर देना चाहिए। इससे लोगों को गैस की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी।
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