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देवास में सीएनजी सस्ती, इंदौर में 9 रुपए महंगी

March 10, 2022

  • कोयला जलाने पर प्रतिबंध से उद्योगों की मुश्किलें बढ़ी

इंदौर। शहर की आबोहवा को स्वच्छ रखने लिए प्रशासन ने उद्योगों के बायलर में कोयले (coal in the boiler of industries) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें सीएनजी के इस्तेमाल (use of cng) की हिदायत दे दी है, जबकि सीएनजी की कीमत देवास की अपेक्षा इंदौर में लगभग 9 रुपए महंगी है। इस वजह से उद्योगों के प्रोडक्शन की लागत बढ़ रही है। देवास में सीएनजी (CNG in Dewas) लगभग 70 रुपए है तो वहीं इंदौर में लगभग 79 रुपए है। उद्योगपतियों का कहना है कि एक ओर सरकार उद्योगों को आत्मनिर्भर बनने की बात कर रही है, मगर सरकार सीएनजी को न तो जीएसटी के दायरे में ले रही है न राज्य सरकार 14 प्रतिशत वैट का लाभ दे रही है। इस कारण उद्योगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश संगठन (Association of Industries Madhya Pradesh Organization) के पदाधिकारियों ने वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेशकुमार जाटव को बताया कि इंदौर के उद्योगों को देवास के मुकाबले इंदौर में ऊंची दरों पर सीएनजी मिल रही है। इसके अलावा 14 प्रतिशत वैट का लाभ भी नहीं मिल रहा है। इससे उद्योगों की उत्पादन लागत बढ़ रही है। इससे उत्पाद के महंगा होने से प्रतिस्पर्धा में भी मध्यप्रदेश के उद्योग परेशानी अनुभव कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए बायलर से संचालित होने वाले उद्योगों को जिला प्रशासन द्वारा सीएनजी में परिवर्तन करने हेतु कहा जा रहा है, लेकिन सीएनजी की ऊंची दरें एवं सीएनजी में परिवर्तन करने में प्लांट की लागत उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।


वहीं कोयला व लकड़ी की अपेक्षा सीएनजी महंगी पडऩे के कारण उद्योगों को कठिनाई हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि 14 प्रतिशत वैट का लाभ उद्योगों को मिले तो उन्हें कुछ राहत मिलेगी। इसके लिए सीएनजी को वैट के बजाय जीएसटी में लिया जाए, ताकि उद्योगों का नुकसान न हो। उद्योगपतियों ने कहा कि मध्यप्रदेश में अन्य पड़ोसी राज्यों के मुकाबले महंगी सीएनजी मिल रही है। सीएनजी का फुल फॉर्म कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस होता है। इस प्राकृतिक गैस को कंप्रेस करके बनाया जाता है। एक तरह का ईंधन ही है जिसका इस्तेमाल परिवहन,उद्योग रसोई में किया जाता है। जब इस गैस को जलाया जाता है तो इससे पेट्रोल, डीजल आदि गैसों की तुलना में कम हानिकारक गैस निकलता है। सीएनजी बाकि गैसों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है। यह गैस हवा से भी हल्का होता है यदि गलती से कभी सीएनजी गैस लीक हो जाये तो ये बहुत तेजी से हवा में घुल जाती है जिसके किसी तरह का नुकसान या खतरा नहीं होता इसी कारण से सीएनजी गैस को अन्य गैसों की तुलना में सुरक्षित माना जाता है।

सीएनजी कंपनी की उद्योगों से मनमानी
प्रशासन के कहने पर सीएनजी का इस्तेमाल करने वाले उद्योगपतियों ने बताया कि इंदौर में सीएनजी सप्लाय करने वाली कंपनी उद्योगों को कनेक्शन देने के पहले महीनेभर में होने वाली कुल खपत के हिसाब की कीमत लगाकर 5 महीने का एडवांस जमा करा रही है। इतना ही नहीं, उद्योगपतियों से महीनेभर में गैस का बिल 15 दिनों में वसूल रही है। यानी महीने में 2 बार बिल भरना पड़ रहा है। यदि उद्योग संचालक एक दिन भी लेट हो जाते हैं तो उनसे 10 प्रतिशत पेनल्टी वसूली जाती है।

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