• img-fluid

    CMIE का दावा: देश में बेरोजगारी बढ़कर चार माह के शीर्ष पर, ग्रामीण क्षेत्रों में घटी

  • May 03, 2023

    नई दिल्ली। देश में बेरोजगारी दर अप्रैल, 2023 में बढ़कर चार महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.11 फीसदी पर पहुंच गई। यह दिसंबर, 2022 के बाद इसका उच्च स्तर है। उस समय भी बेरोजगारी दर 8.11 फीसदी ही रही थी, जबकि मार्च, 2023 में 7.8% रही थी।

    आंकड़ों के मुताबिक, शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर पिछले महीने बढ़कर 9.81 फीसदी पर पहुंच गई। मार्च, 2023 में यह 8.51 फीसदी रही थी। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर मार्च, 2023 के 7.47 फीसदी से घटकर अप्रैल में 7.34 फीसदी रह गई। सीएमआईई का कहना है कि देश में उपलब्ध नौकरियों की तुलना में अधिक लोग श्रमबल का हिस्सा बन रहे हैं। श्रम भागीदारी में बढ़ोतरी से बेरोजगारी दर में वृद्धि दर्ज की गई है।

    रोजगार मिलने की दर मार्च, 2020 के बाद सबसे ज्यादा
    देश के श्रमबल में पिछले महीने 2.55 करोड़ लोग जुड़े। इसके साथ ही श्रमबल में शामिल कामगारों की कुल संख्या बढ़कर 46.76 करोड़ पहुंच गई। रोजगार खोजने को लेकर आशावाद में वृद्धि से अप्रैल में श्रम भागीदारी दर (LPR) बढ़कर 41.98 फीसदी पहुंच गई। यह तीन साल में सबसे अधिक है। श्रमबल में जुड़े लोगों में से 87 फीसदी के रोजगार पर कोई खतरा नहीं था क्योंकि अप्रैल में अतिरिक्त 2.21 करोड़ रोजगार पैदा हुए। इससे रोजगार मिलने की दर बढ़कर 38.57% पहुंच गई, जो मार्च, 2020 के बाद सर्वाधिक है।


    पर्याप्त नौकरियां पैदा करना सरकार के लिए चुनौती
    सीएमआईई के प्रमुख महेश व्यास का कहना है कि देश की बढ़ती आबादी के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी रहेगी। वह भी तब, जब वह अगली गर्मियों में होने वाले आम चुनाव के बाद तीसरे कार्यकाल की ओर देख रहे हैं।

    घट रही रोजगार गारंटी कार्यक्रम की मांग
    सीएमआईई के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अधिक अवसर पैदा हुए। ग्रामीण श्रमबल में शामिल होने वाले करीब 94.6 फीसदी लोगों को रोजगार मिल चुका है। वहीं, शहरी क्षेत्रों में केवल 54.8 फीसदी लोगों के लिए ही रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। थिंक टैंक का कहना है कि बेरोजगारी के ताजा आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि ग्रामीण इलाकों में सरकार के रोजगार गारंटी कार्यक्रम की मांग कम हो रही है।

    • व्यास कहा कि अप्रैल में एलपीआर और रोजगार दर में उल्लेखनीय वृद्धि लोगों में काम की तलाश की इच्छा में वृद्धि को दर्शाती है।
    • आरबीआई भी अप्रैल के बुलेटिन में कह चुका है कि मनरेगा के तहत काम की मांग जनवरी, 2023 के बाद घटी है।

    Share:

    IPCA प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहा भारत, अमेरिका की एक रिपोर्ट में दावा

    Wed May 3 , 2023
    वॉशिंगटन। अमेरिका की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत उन 14 देशों में शामिल है, जो International Parental Child Abduction (IPCA) प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। अमेरिका के गृह विभाग की आईपीसीए पर 2023 की सालाना रिपोर्ट मंगलवार को अमेरिकी संसद में पेश की गई। इस रिपोर्ट में कहा गया […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved