लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में लगे आरोपों पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने ट्रस्ट और जिला प्रशासन से इस मामले में विस्तृत जानकारी देने को कहा है।
बता दें कि मामला प्रकाश में आने के बाद पूरे देश में चर्चा के केंद्र में आ गया। ट्रस्ट के पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन भी किया। इस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि करोड़ों लोगों ने आस्था और भक्ति के चलते भगवान के चरणों में चढ़ावा चढ़ाया। उस चंदे का दुरुपयोग अधर्म है, पाप है, उनकी आस्था का अपमान है।
इस मुद्दे पर सियासी हमले तेज हो गए हैं। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। विपक्षी दलों ने ट्रस्ट पर जनता का पैसा लुटाने का और हिंदुओं की भावनाओं से विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को कहा कि आरोप लगाने वाले सियासी लोग हैं। सियासत से प्रेरित होकर आरोप लगा रहे हैं। हकीकत तो यह है कि यह जमीन बाजार दर से कम कीमत पर खरीदी गई है।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री व राज्य सभा सांसद मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के लिए खरीदी गई 12080 वर्ग मीटर जमीन में भाजपा नेताओं ने करोड़ों रुपयों का घोटाले किया है। उन्होंने कहा कि मजदूरों, किसानों, व्यापारियों ने अपनी बचत में से श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दिया, लेकिन दु:ख इस बात का है कि जमीन खरीद में घोटाला कर आस्था के साथ विश्वासघात किया गया है।
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से इस मामले में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय की निगरानी में ऑडिट करवाए तथा चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत को लेकर भी जांच करे।
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