नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों (Government officials and employees of Uttar Pradesh) को बड़ी सौगात मिली। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने पुरानी पेंशन स्कीम के विकल्प प्रस्ताव को अनुमति (Permission granted to alternative proposal for old pension scheme) दे दी। 28 मार्च 2005 से पहले नियुक्त अफसरों और कर्मियों को योगी सरकार के इस फैसले का लाभ मिलेगा। लखनऊ में मंगलवार को योगी कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 44 प्रस्ताव पर मुहर लगी।
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को यूपी में बड़ा झटका लगा। ऐसे में सबकी निगाहें राज्य के उपचुनाव पर टिकी हैं। ऐसे में अब सत्तारूढ़ पार्टी किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। इससे पहले योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को साधने की कोशिश की और पुरानी पेंशन के विकल्प प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
योगी कैबिनेट की बैठक में कई और प्रस्ताव भी पास हुए। इसके तहत अयोध्या में टाटा संस की ओर से 650 करोड़ की लागत से मंदिर संग्रहालय का निर्माण कराया जाएगा। 100 करोड़ के कई विकास कार्य होंगे, जिसमें पर्यटन विभाग 1 रुपये के लीज पर जमीन देगा। पर्यटन विभाग शाकंभरी देवी धाम की जमीन पर विकास कराएगा। पर्यटन विभाग का आश्रय गृह बंद है, जिसे पीपीपी मॉडल पर 30 साल की लीज पर दिया जाएगा।
केंद्र सरकार ने विद्युत निरीक्षक के लिए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट बनाया है, उसी के तर्ज पर राज्य सरकार ने नियमावली बनाने का प्रस्ताव पास किया। गोरखपुर में पर्यटन स्थल के रूप में परमहंस योगानंद की जन्मस्थली विकसित होगी, जिसके लिए पर्यटन विभाग जमीन देगा। अयोध्या कैंट क्षेत्र में सीवेज बनेगा, जिस पर 351.40 करोड़ खर्च होंगे।
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