लखनऊ (Lucknow) । उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) शनिवार को तीन दिवसीय दौरे पर गोरखपुर (Gorakhpur) पहुंचे, जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत स्वयंसेवकों के शिविर में भाग ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लोकसभा चुनाव में लगे झटके को देखते हुए भागवत और आदित्यनाथ के बीच मुलाकात को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही हैं.
दोनों नेताओं की मुलाकात शनिवार को होनी थी, जिसे दो बार दोपहर और फिर शाम तक के लिए स्थगित कर दिया गया. पर देर रात तक दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी थी. बाद में आरएसएस सूत्रों ने बताया कि किसी भी तय मुलाकात की घोषणा नहीं की गई है. ‘कार्यकर्ता शिविर’ में भाग लेने बुधवार को गोरखपुर पहुंचे भागवत आरएसएस शिविर में रह रहे हैं और रविवार तक यहीं रहेंगे.
मुलाकात को माना जा रहा है अहम
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में बीजेपी के प्रदर्शन को देखते हुए सीएम योगी और मोहन भागवत की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. माना जा रहा है कि इस दौरान चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन और उत्तर प्रदेश में कामकाज को लेकर चर्चा हो सकती है. ऐसे में भागवत और योगी की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. खासकर तब जब बीजेपी को यूपी जैसे अपने गढ़ में हार का सामना करना पड़ा है.
स्वयंसेवकों संग की चर्चा
एसवीएम पब्लिक स्कूल में तीन जून से चल रहे कार्यकर्ता विकास वर्ग में संघ प्रमुख ने गुरुवार को कार्यकर्ताओं के साथ बौद्धिक बैठक की. उन्होंने स्वयंसेवकों को उनकी कार्यकुशलता की याद दिलाकर संघ के लिए उपयोगी बनने का मंत्र दिया.उन्होंने संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवकों से संघ के विस्तार की चिंता करने को कहा, ‘लोगों को संघ से जोड़ने के लिए अपनी पूरी क्षमता से काम करें. न केवल शहर की गलियों और मोहल्लों तक पहुंचें, बल्कि हर गांव तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करें.’
योगी भी गोरखपुर में हैं
वहीं, मुख्यमंत्री ने भी शनिवार को एशियाई शेर ‘भरत’ और शेरनी ‘गौरी’ को शहीद अशफाक उल्लाह खान प्राणि उद्यान (गोरखपुर चिड़ियाघर) में उनके बाड़े में छोड़ा और अधिकारियों के साथ बैठक भी की. आरएसएस ने शुक्रवार को भाजपा के साथ अपने मतभेद की खबरों को खारिज कर दिया था.
संघ ने आरोप किए खारिज
संघ ने इस बात का भी खंडन किया कि लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर सरसंघचालक भागवत की आलोचनात्मक टिप्पणियां सत्तारूढ़ पार्टी को निशाना बनाकर की गई थीं. आरएसएस सूत्रों ने कहा, ‘आरएसएस और भाजपा के बीच कोई दरार नहीं है.’
भागवत ने सोमवार को नागपुर में संगठन के ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय’ के समापन कार्यक्रम में आरएसएस प्रशिक्षुओं की एक सभा को संबोधित किया था, जहां उन्होंने मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी. विपक्षी नेताओं ने दावा किया था कि भागवत की टिप्पणी, जिसमें “सच्चा सेवक कभी अहंकारी नहीं होता” शामिल है, चुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद भाजपा नेतृत्व को एक संदेश था.
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