मुबंई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और महाराष्ट्र सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात करेंगे। इस दौरान 12 महत्वपूर्ण विषयों पर बात होनी है। जिनमें से मराठा, ओबीसी, प्रमोशन में आरक्षण, क्रॉप इंश्योरेंस, जीएसटी, कोविड वैक्सीनेशन आदि को लेकर चर्चा की जाएगी। इन सबके लिए एक आधिकारिक पत्र दिया जाएगा।
वैक्सीनेशन के मुद्दे को लेकर पत्र उसी आधार पर दिया जाएगा जिसके आधार पर ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने पत्र भेजा था। केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति पर गंभीर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। कोरोना के संकट के बीच देश में इस वक्त वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी चल रही है, ऐसे में पूरी आबादी को टीका लगने में कितना वक्त लगेगा इस सवाल का जवाब हर कोई तलाश रहा है। इस बीच बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की वैक्सीन नीति को लेकर सवाल किए।
अदालत ने पूछा कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन के लिए जो बजट बनाया, उसका इस्तेमाल 18 से 44 साल वालों को मुफ्त टीका लगाने में क्यों नहीं हो सकता। कोरोना के खतरे के बीच देश में अभी भी वैक्सीन का संकट जारी है। दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई राज्य इस वक्त वैक्सीन की किल्लत का सामना कर रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हसन मुशरीफ की ओर से बड़ा बयान दिया गया है। उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला को केंद्र के दबाव की वजह से लंदन जाना पड़ा।
मंत्री हसन मुशरीफ ने अहमदनगर में कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने 18 से 44 साल तक के लोगों के लिए मुफ्त वैक्सीनेशन का ऐलान किया, इसके लिए 6000 करोड़ खर्च करने की बात भी कही। मंत्री ने कहा कि देश में भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी वैक्सीन बना रही हैं। हमने सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला से बात की, उन्होंने जून में 1.5 करोड़ वैक्सीन देने का भरोसा दिया था। लेकिन अदार पूनावाला पर केंद्र की ओर से दबाव बनाया गया, इसलिए वो लंदन चले गए।
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