उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुक्रवार को भोपाल से आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाशाली छात्र प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत मेधावी विद्यार्थियों को लेपटॉप क्रय करने के लिए राशि का वितरण किया गया। भोपाल से आयोजित कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु उद्यम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, कृषि मंत्री कमल पटेल, राज्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण रामखिलावन पटेल, आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, राज्यमंत्री स्कूल शिक्षा इंदरसिंह परमार, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी, स्कूल शिक्षा आयुक्त जयश्री कियावत एवं अन्य अधिकारी तथा नागरिक मौजूद थे।
कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि प्रतिभाशाली छात्र प्रोत्साहन योजना वर्ष 2009 में प्रारम्भ हुई थी। तब इस योजना के अन्तर्गत केवल शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी विद्यार्थी ही योजना के तहत लाभ ले सकते थे। वर्ष 2013 से इस योजना की परिधि में अशासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी शामिल किया गया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मंच से प्रतीकात्मक स्वरूप छह विद्यार्थियों को योजना के तहत प्रशस्ति-पत्र प्रदाय किये। इसके पश्चात पूरे प्रदेश के तकरीबन 16 हजार मेधावी विद्यार्थियों के खाते में केवल एक क्लिक से लेपटॉप क्रय हेतु 25-25 हजार रुपये की राशि पहुंचाई गई। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूरे प्रदेश के जिलों के एनआईसी कक्ष में मौजूद मेधावी विद्यार्थियों को सम्बोधित किया तथा कुछ जिले के विद्यार्थियों से चर्चा भी की।
मुख्यमंत्री ने मेधावी विद्यार्थियों को भांजे व भांजियों कहते हुए सम्बोधित किया और उनसे रोचक वार्तालाप करते हुए जीवन में सफल होने का मंत्र दिया। उन्होंने बच्चों से कहा कि सवेरे ब्रह्म मुहुर्त में उठकर पढ़ाई करना अधिक लाभदायक होता है। पढऩे के साथ-साथ थोड़ा खेलकूद व व्यायाम भी अपनी दिनचर्या में शामिल करें। विद्यार्थी नियमित रूप से योग व प्राणायाम करें। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जो ठान लेता है, वह एक न एक दिन अवश्य बनता है। सभी विद्यार्थी खूब मन लगाकर पढ़ाई करें। जीवन में अपने लक्ष्य निर्धारित करें। लक्ष्य की रूपरेखा तैयार करें और उस ओर बढऩे के पथ पर अग्रसर हों। हर कदम पर उनके मामा उनके साथ रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने सभी मेधावी छात्र-छात्राओं के माता-पिता और गुरूजनों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि उनके लिये सबसे खुशी का पल तब होता है, जब वे अपने भांजे-भांजियों के साथ होते हैं। शासन द्वारा विद्यार्थियों को नि:शुल्क पुस्तकें, सायकल, गणवेश और प्रतियोगी परीक्षाओं के तहत नि:शुल्क कोचिंग उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। ऐसे प्रतिभाशाली विद्यार्थी, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें आगे लाने के लिये सरकार हरसंभव सहायता करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिभाशाली छात्रों के प्रोत्साहन के लिये ही यह योजना सरकार द्वारा लाई गई है, ताकि जिन बच्चों को शासन की ओर से लेपटॉप क्रय हेतु राशि प्रदाय की जाती है, उन्हें देखकर अन्य विद्यार्थी भी प्रेरणा लेते हैं तथा मन लगाकर पढ़ाई करते हैं। मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा कि एक साधारण बालक मोहन अपने आचरण और कर्मों से महात्मा गांधी बन सके। एक नये भारत का उदय हुआ है। बच्चे इसमें महत्वपूर्ण भूमिका आगे चलकर निभाने वाले हैं।
साधारण परिवार में पैदा होने के बावजूद असाधारण काम किये जा सकते हैं
मुख्यमंत्री ने बच्चों को प्रेरणात्मक सम्बोधन देते हुए कहा कि एक व्यक्ति साधारण परिवार में पैदा होने के बावजूद असाधारण काम कर सकता है। बस जरूरत है दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत की। सभी विद्यार्थी अपनी रूचि और लक्ष्य तय करें। सरकार का सहयोग तो उनके साथ है ही। बच्चे जीवन में बस कर गुजरने का निश्चय करें। उनकी प्रतिभाओं का सम्मान हम करेंगे। जिन विद्यार्थियों को आज सफलता नहीं मिली है वे हार न मानें और अगली बार पूरी इच्छाशक्ति और उत्साह के साथ दोबारा कोशिश में लग जायें। सफलता एक न एक दिन आपके कदम चूमेगी, क्योंकि जो हिम्मत और हौसलों से आगे बढ़ते हैं उनकी कभी हार नहीं होती है। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा द्वारा किया गया।
इस दौरान उज्जैन एनआईसी कक्ष में सात मेधावी विद्यार्थियों को संयुक्त संचालक लोकशिक्षण आरके उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी रमा नाहटे, अभय तोमर, गिरीश तिवारी और विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी पीएन महाजन द्वारा लेपटॉप क्रय हेतु 25 हजार रुपये की राशि के चेक और प्रशस्ति-पत्र प्रतीकात्मक स्वरूप दिये गये। इनमें बडऩगर की छात्रा विशी विपीन वेद (94.2 प्रतिशत), उज्जैन की छात्रा प्रियांशी गोपाल सोलंकी (94.2 प्रतिशत), झारड़ा की छात्रा पलक संजय राठौर (94 प्रतिशत), उज्जैन के छात्र गौतम मुकेश बिलोनिया (93.6 प्रतिशत), माधव नगर उज्जैन के छात्र प्रथम मोहनलाल साहनी (93.4 प्रतिशत), उज्जैन की छात्रा विधि विनोद जैन (93.2 प्रतिशत) और उज्जैन की छात्रा हिमानी हरीश बेंडवाल (93.2 प्रतिशत) को चेक व प्रशस्ति-पत्र प्रदाय किये गये।