मुंबई । महा विकास अघाड़ी सरकार (MVA Government) के अस्तित्व को खतरे में डालने वाले (Existential Threat) अभूतपूर्व राजनीतिक संकट (Unprecedented Political Crisis) के एक सप्ताह बाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (Maharashtra CM) उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने सोमवार को सभी नौ बागी मंत्रियों (All 9 Rebel Ministers) से उनके विभाग छीन लिए (Snatched Portfolios) ।
ठाकरे के अनुसार, सभी विभागों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने और पांच कैबिनेट मंत्रियों और चार राज्य मंत्रियों की अनुपस्थिति के मद्देनजर निर्णय लेने की प्रक्रिया में बाधा नहीं बनने के लिए जनहित में निर्णय लिया गया है। सीएमओ ने कहा कि संबंधित बागी मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के विभागों का काम अगले आदेश तक मौजूदा मंत्रियों और राज्य मंत्रियों को सौंप दिया गया है।
बागी गुट के नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे के शहरी विकास, लोक निर्माण (सार्वजनिक उद्यम) की जिम्मेदारी मंत्री सुभाष देसाई को सौंपी गई है। वहीं मंत्री गुलाबराव रघुनाथ पाटिल के जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग का जिम्मा अनिल दत्तात्रेय परब को दिया गया है। मंत्री दादाजी भूसे से कृषि मंत्रालय एवं भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग छीनकर शंकर यशवंतराव गडख को दिया गया है, वहीं उदय सामंत से उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग का जिम्मा लेकर आदित्य ठाकरे को सौंपा गया है।
इसी तरह के परिवर्तन उन राज्य मंत्रियों के लिए भी प्रभावी हुए हैं, जो बागी हो गए हैं और वर्तमान में एक सप्ताह से अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। इसलिए अब उनके विभागों को अगले आदेश तक मौजूदा एमओएस को सौंपा गया है। एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री किसी भी मंत्री की अनुपस्थिति में किसी अन्य मंत्री को सभी या किसी भी कर्तव्यों को पूरा करने के लिए निर्देश दे सकते हैं, जब महाराष्ट्र सरकार के अनुसार बीमारी या किसी अन्य कारण से नेतागण अपने कर्तव्यों का पालन करने में समर्थ न हो।
यह घटनाक्रम तब सामने आया है, जब बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें सभी बागी मंत्रियों की ‘ड्यूटी पर वापसी’ की मांग की गई है। शिवसेना के बागी विधायक वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं और महाराष्ट्र में सियासी संकट पैदा हो गया है।
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