नई दिल्ली (New Delhi) । नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन (Amartya Sen) के बुधवार को दिए गए एक बयान (Statement) को लेकर राजनीति तेज हो गई है. उन्होंने बीजेपी (BJP) पर निशाना साधते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव के नतीजे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि भारत ‘हिंदू राष्ट्र’ नहीं है. उनके इस बयान पर जहां बीजेपी ने पलटवार किया है तो वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं, बल्कि बहुलवाद और कई कम्युनिटी और एकता का देश है. हम कहते रहे हैं कि भारत को हिंदू राष्ट्र नहीं बनाया जा सकता है.
दरअसल, अमेरिका से कोलकाता पहुंचे अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने बुधवार को कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक बंगाली समाचार चैनल से कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है, यह बात चुनाव परिणामों में ही झलकती है. हम हमेशा हर चुनाव के बाद बदलाव की उम्मीद करते हैं. पहले (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दौरान) जो कुछ हुआ, जैसे लोगों को बिना सुनवाई के सलाखों के पीछे डालना और अमीर और गरीब के बीच की खाई को चौड़ा करना, वह अभी भी जारी है. इसे रोकना होगा.
बयान का जमीनी हकीकत से लेना-देना नहीं: बीजेपी
बीजेपी ने गुरुवार को अमर्त्य सेन के इस दावे को खारिज कर दिया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से पता चलता है कि भारत ‘हिंदू राष्ट्र’ नहीं है. बीजेपी ने कहा कि इस बयान का जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है. भगवा पार्टी ने कहा कि प्रख्यात अर्थशास्त्री को चीजों को तटस्थ नजरिए से देखना चाहिए. वरिष्ठ भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने पीटीआई से कहा, “भले ही एनडीए सरकार दुनिया में सबसे अच्छा काम करे, लेकिन अमर्त्य सेन को यह पसंद नहीं आएगा. उन्हें पार्टी के सत्ता में आने से पहले देश की स्थिति और इतने सालों के बाद मौजूदा स्थिति का अंदाजा लगाना चाहिए था.”
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