भोपाल। राज्य विधानसभा (state assembly) के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही बहस के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस (Congress) के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का आरोप हम पर लगाया जा रहा है। लेकिन यह सच नहीं है। असल में लंबे समय बाद सत्ता में आने पर कांग्रेस अहंकार की शिकार हो गई थी और सत्ता के इसी अहंकार ने कांग्रेस की सरकार गिराई है।
मुख्यमंत्री चौहान (Chief Minister Chouhan) ने कहा कि सत्ता में आने पर कांग्रेस के लोगों में इतना अहंकार आ गया था कि वे किसी को कुछ समझते ही नहीं थे। कलेक्टर के चेंबर का दरवाजा लात मारकर खोलने लगे थे। अहंकार से ग्रसित कांग्रेस ने जब अपने ही एक नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Leader Jyotiraditya Scindia) को सड़क पर उतरने की चुनौती दे डाली, तो कांग्रेस के अपने लोगों ने ही उसका साथ छोड़ दिया, जिसके नतीजे में सरकार गिर गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटनाक्रम के बाद हमने कई चुनाव और उपचुनावों (elections and by-elections) का सामना किया है और जीत हासिल की है। सिंधिया जी के जो साथी हमारे साथ आए, जनता ने उन्हें पहले से ज्यादा बड़ा जनादेश दिया।
कांग्रेस ने योजनाएं बंद करने का पाप किया
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस की सरकार (Congress government) ने आते ही संबल योजना से 67 लाख लोगों के नाम काट दिये। मेधावी बच्चों को हम जो लेपटॉप देते थे, वो योजना बंद कर दी। पंच परमेश्वर योजना बंद कर दी और गावों में निर्माण कार्य रुक गए। फसल बीमा की प्रीमियम नहीं भरी। प्रधानमंत्री जी ने जलजीवन मिशन शुरू किया, ताकि हर घर में नल से पानी पहुंच सके, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने उसे प्रदेश में लागू ही नहीं किया। प्रधानमंत्री आवास योजना में मिलने वाले 2 लाख मकान कम करवाकर गरीबों के सिर से छत छीन ली। किसान सम्मान निधि के लिए पात्र किसानों की अधूरी सूची भेजी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा शुरू की गई जनहित की सारी योजनाएं बंद करने का पाप कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने किया था।
कोविड संकट से मुकाबले के लिए कुछ नहीं किया
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 2020 में कोविड का संकट सिर पर मंडरा रहा था। प्रधानमंत्री जी और केंद्र सरकार द्वारा बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद कमलनाथ सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की, बल्कि उनका मजाक उड़ाया। हमारी सरकार ने 23 फरवरी को शपथ ली और उसी रात मैं वल्लभ भवन गया और संकट से मुकाबले की तैयारी शुरू की। दवाओं, अस्पतालों, डॉक्टरों तथा टेस्टिंग की व्यवस्था की। पूरे संकट के दौरान 550 बैठकें की और सभी के सहयोग से कोरोना संकट को परास्त किया। दूसरा दौर और भयानक था, जिसमें ऑक्सीजन की उपलब्धता चुनौती बन गई थी। हमने केंद्र सरकार के सहयोग से ऑक्सीजन की आपूर्ति की और संकट से मुकाबला किया।
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