भोपाल। प्रदेश में अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने नुकसान का आंकलन के लिए किसानों के खेतों तक सरकारी अमला दौड़ा दिया है। उन्होंने सात दिन के भीतर कलेक्टरों से नुकसान की रिपोर्ट मांगी है। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फसल नुकसान का जायजा लेने के लिए खुद किसानों के बीच जाएंग। कल के बाद उनका उडऩखटौला आपदा प्रभावित जिलों के किसी भी गांव में उतर सकता है। प्राकृतिक आपदा से ग्वालियर संभाग के जिलों में ज्यादा नुकसान पहुंचा है। सीएमओ सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री आज विभागों की समीक्षा का काम पूरा कर लेंगे। इसके बाद वे प्रभावित जिलों का दौरा कर सकते हैं।
बताया गया कि कोरोना गाइडलाइन के चलते जिलों में भीड़ नहीं जुटेगी, लेकिन वे खुद किसानों के खेतों तक पहुंचकर नुकसान का जायजा लेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री सभी जिलों के कलेक्टरों से दो टूक कह चुके हंै कि जिन किसानों को नुकसान हुआ है, वे राहत से न छूटें। अपात्रों को नाम नहीं जुड्ना चाहिए। बताया गया कि प्रभावित गांवों के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री किसानों के लिए राहत कार्यों का ऐलान भी कर सकते हैं।
75 तहसीलों के 1500 गांवों में तबाही
प्राकृतिक आपदा से प्रदेश की 75 तहसीलों के 1500 से ज्यादा गांवों में नुकसान पहुंचा है। इसका सर्वे का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने ओलावृष्टि से फसल क्षति की समीक्षा करते हुए कहा कि अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से प्रदेश के विभिन्न जिलों में क्षति हुई है। अभी 75 तहसीलों के 1500 गाँव शामिल हैं। सर्वे सभी जगह प्रारंभ करा दिया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभारी मंत्री अपने प्रभार के जिलों को देखेंगे। कलेक्टर्स ओलावृष्टि, अतिवृष्टि से प्रभावित गाँवों में फसलों का सर्वे 7 दिन में पूरा करें और 10 दिन के भीतर मुआवजा वितरण की कार्यवाही शुरु कर दें। जिनका नुकसान हुआ है वह सर्वे से नहीं छूटें। साथ ही अपात्र किसानों को शामिल नहीं करें। अंतर्विभागीय संयुक्त दलों का गठन किया जाये। सर्वेक्षण पूरा होने के बाद प्रभावित किसानों की जानकारी चस्पा कर पढ़कर सुनाई जाये। जन-प्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर सर्वे में उनका सहयोग प्राप्त करें। आधुनिक टेक्नॉलाजी का उपयोग करें। कमिश्नर भी मुआवजे के भुगतान एवं सर्वे में सहयोग करें। किसानों के बैंक खातों में ही भुगतान किया जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संकट की घड़ी में सरकार पूरी तरह किसानों के साथ है। कलेक्टर्स संवेदनशीलता से किसानों से मिलें। कटिबद्धता और जिम्मेदारी से कार्य करें। प्रभारी मंत्री मॉनिटरिंग करें।
स्कूलों पर फैसला 15 को
राज्य सरकार ने कोरेाना संक्रमण के चलते स्कूल बंद करने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। संभवत: 15 जनवरी को होने वाली समीक्षा बैठक में स्कूलों को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कोरोना समीक्षा बैठक में कहा कि जनता की जिंदगी की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसके लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। व्यवस्थाओं के आकलन के आधार पर कोविड से निपटने की रणनीति बने। अभी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल खोले जा रहे हैं। नाइट कफ्र्यू लगा है। कक्षा 1 से 8 वीं में प्रतिबंध लगाने के बारे में बाद में निर्णय लिया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 16 जनवरी को 15-18 वर्ष के बच्चों के शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की रिपोर्ट दी जाए। जहाँ स्थिति ठीक नहीं है वहाँ प्रतिशत सुधारें।
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